खबर लहरिया Blog Bharat Bandh 2022 : 25 मई को बामसेफ ने किया भारत बंद का ऐलान, जानें क्या है मांगे

Bharat Bandh 2022 : 25 मई को बामसेफ ने किया भारत बंद का ऐलान, जानें क्या है मांगे

बामसेफ का कहना है कि केंद्र सरकार ने अन्य पिछड़ी जातियों की जाति आधारित जनगणना कराने से इंकार कर दिया है।

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साभार: पीटीआई

बामसेफ यानी ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन (BAMCEF) ने 25 मई 2022 को भारत बंद का ऐलान किया है। इसे सफल बनाने के लिए संगठन द्वारा मीटिंग के दौरान सभी कार्यकर्ताओं को जी जान लगाने के लिए भी कहा गया है।

यूपी बहुजन मुक्ति पार्टी के सहारनपुर जिलाध्यक्ष नीरज धीमान ने बताया, भारत बंद का आह्वान इसलिए किया गया है क्योंकि केंद्र सरकार ने अन्य पिछड़ी जातियों की जाति आधारित जनगणना कराने से इंकार कर दिया है। इसके अलावा संगठन ने चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल और निजी क्षेत्रों में एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण को लागू न करने से संबंधित समस्याओं को भी उठाया है।

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भारत बंद को लेकर पार्टियों ने दिया समर्थन

बामसेफ के अलावा 25 मई को भारत बंद के लिए बहुजन मुक्ति पार्टी का भी समर्थन मिला है। पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष इंजी डीपी सिंह ने लोगों से भारत बंद को सफल बनाने का आग्रह भी किया है। इसके अलावा, बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक ने भी 25 मई को भारत बंद को अपना सहयोग दिया है।

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भारत बंद के ऐलान की क्या है वजह ?

भारत बंद को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जा रहा है। अभियान क्यों चलाया जा रहा इससे जुड़े बिंदु कुछ इस प्रकार हैं :-

1. केंद्र सरकार ने जाति के आधार पर ओबीसी जनगणना नहीं कराई।

2. चुनाव में ईवीएम को लेकर धांधली हुई है। ईवीएम का इस्तेमाल बंद हो।

3. निजी क्षेत्र में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण लागू हो।

4. पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की मांग।

5. एनआरसी/सीएए/एनपीआर की कवायद रोकी जाए।

6. किसानों को एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून पेश किया जाए।

7. ओडिशा और मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में पृथक निर्वाचक मंडल की मांग की जाए।

8. लोगों को टीका लगवाने के लिए मज़बूर न किया जाए।

9. पर्यावरण संरक्षण की आड़ में आदिवासी लोगों का विस्थापन न हो।

10. लॉकडाउन में चुपके से मज़दूरों के खिलाफ बनाये गए श्रम कानून।

बामसेफ द्वारा उनकी मांगो को लेकर भारत बंद का ऐलान कितना सफल रहता है यह तो आगे पता चल ही जाएगा। इसके साथ ही यह भी सवाल रहेगा कि सरकार का अभियान को लेकर क्या रुख है।

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