खबर लहरिया Blog टेढ़ी-मेढ़ी दिखने वाली ‘सूरन’ की सब्ज़ी के हैं अनेक लाभ, बीमारियों को दूर रखने की है क्षमता

टेढ़ी-मेढ़ी दिखने वाली ‘सूरन’ की सब्ज़ी के हैं अनेक लाभ, बीमारियों को दूर रखने की है क्षमता

जिमीकंद यानी सूरन एक जड़ है। ये एक कंद के रूप में होती है और ये सामान्य तौर पर अपने आप ही उगती है। सूरन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से भी बचाता है।

 benefits of Elephant Foot Yam vegetable, know which diseases it keeps away

                                                         सूरन जिसे जिमीकंद के नाम से भी जाना जाता है ( फोटो साभार – खबर लहरिया) 

लोग कहते हैं कि हरी सब्ज़ियां सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी सब्ज़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जो हरी तो नहीं है पर हाँ उसके फायदे अनेक हैं। सब्ज़ी का नाम है, ‘सूरन’ (Elephant Foot Yam), इसे कई जगह ‘जिमीकंद’ के नाम से भी जाना जाता है।

जिमीकंद यानी सूरन एक जड़ है। ये एक कंद के रूप में होती है और ये सामान्य तौर पर अपने आप ही उगती है।

सूरन की सब्ज़ी हर जगह नहीं पाई जाती है। इस सब्ज़ी के बारे में हर कोई नहीं जानता। देखने में इस सब्ज़ी का आकार थोड़ा टेढ़ा-मेढ़ा होता है लेकिन इस सब्ज़ी के सेवन से कई बीमारियों से रोकथाम की जा सकती है।

ये भी देखें – सर्दियों में खाएं बाजरे से बने व्यंजन, शरीर के लिए है फायदेमंद, बीमारी को भी रखता है दूर

ललितपुर में हर जगह बिकता है सूरन

बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में सर्दियों के शुरू होते ही हर जगह सूरन बिकना शुरू हो जाता है। हर सब्ज़ी की दुकान पर आपको छोटा-बड़ा सूरन देखने को मिलेगा। इस सब्ज़ी का आकार व साइज़ कभी एक जैसा नहीं होता। हर बार अलग होता है। यह इतना बड़ा होता है कि एक सूरन को तीन से चार व्यक्ति खरीदते हैं। सब्ज़ीवाला उसे काट-काटकर बेचता है।

बता दें, सूरन ज़मीन के अंदर आलू की तरह ही पैदा होने वाली सब्ज़ी है। लोग सूरन का भरता बनाकर भी खाते हैं। वैसे सूरन की सब्ज़ी हर किसी को पसंद नहीं आती क्योंकि इसे खाने पर गले में थोड़ी खुजली सी भी महसूस होती है इसलिए लोग इसे ज़्यादा पसंद नहीं करते।

सूरन का बनता है भरता

 benefits of Elephant Foot Yam vegetable, know which diseases it keeps away

सूरन का भरता ललितपुर जिले की तरफ खूब बनता है। पहले सूरन के छोटे-छोटे टुकड़े कर इसे उबाला जाता है। फिर जो मसाला चिकन-मटन में पड़ता है, वही मसाला पीसकर, मसाले को भूनकर उसे उबले हुए सूरन में डाला जाता है। इसके बाद सूरन को अच्छे से मैश करके, सारे मसाले अच्छे से मिलाने के बाद फिर भूना जाता है। इस दौरान पानी बिलकुल भी नहीं डाला जाता। इसे तब तक भुना जाता है जब तक मसाला तेल न छोड़ दे।

सूखे सूरन का भरता खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है। भरते को आप परांठा या रोटी या किसी भी चीज़ के साथ खा सकते हैं।

सूरन के बारे में ललितपुर जिले के महरौनी कस्बे की राजकुमारी कहती हैं, उनके यहां सूरन बहुत पैदा होता है और खूब बिकता भी है। हर गांव में इसकी फसल भी होती है। यह शुगर और बवासीर जैसी बीमारी के लिए लाभदायक होता है।

सूरन के गुण

सूरन में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी6, विटामिन बी1 और फोलिक एसिड होता है। साथ ही इसमें पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस भी पाया जाता है। सूरन एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता।

ये भी देखें – बिहार के टॉप 5 पारम्परिक और मशहूर व्यंजन

कैंसर से बचाता है सूरन

सूरन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से भी बचाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन पाया जाता है, जो कैंसर पैदा करने वाले फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मददगार होता है।

सूरन इन बीमारियों को रखता है दूर

बवासीर, सांस रोग, खांसी, आमवात और कृमिरोगों के उपचार में सूरन का इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों को लीवर या यकृत में समस्या है, उनके लिए डॉक्टर भी जिमीकंद खाने की सलाह देते हैं।

सूरन खाने से पाचन क्रिया रहती है ठीक

सूरन यानी जिमीकंद में पोटैशियम मौजूद रहता है, जो पाचन क्रिया को सही रखने में मदद करता है। इसे रोज़ाना खाने से कब्ज़ और कॉलेस्ट्रॉल की समस्या दूर हो जाती है।

 

इस खबर की रिपोर्टिंग नाज़नी रिज़वी द्वारा की गयी है। 

ये भी देखें – बुंदेलखंड : त्योहार और उनसे जुड़े व्यंजन

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke