इस किले से झील और आसपास के गावों और जंगलों का उत्कृष्ट दृश्य दिखाई देता है। बरुआ सागर किला झांसी से लगभग 18 किलोमीटर दूर है और गर्मी के मौसम में यहाँ पर्यटकों की भीड़ रहती है।
बुंदेलखंड शानदार किलों और महलों से जुड़ी रोमांचक कहानियों से डूबा हुआ है, जिसकी विरासत आज भी पूरे देश में गूँजती है। बुंदेली शासकों ने पंद्रहवीं शताब्दी से लेकर अंग्रेज़ों के शासन के बीच बुंदेलखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी निशानी के तौर पर किलों, महलों और हवेलियों का निर्माण करवाया था।
इन्हीं प्राचीन किलों में से एक है झांसी का मशहूर बरुआ सागर किला।
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में स्थित बरुआ सागर एक छोटा सा गाँव है। यहाँ मौजूद एक बड़ी झील भी आसपास के क्षेत्रों में काफी प्रसिद्ध है, और इसी गाँव के नाम पर इस किले का नाम बरुआ सागर किला पड़ा। इस किले का निर्माण ओरछा के राजा उदित सिंह ने करवाया था। इस किले से झील और आसपास के गावों और जंगलों का उत्कृष्ट दृश्य दिखाई देता है। बरुआ सागर किला झांसी से लगभग 18 किलोमीटर दूर है और गर्मी के मौसम में यहाँ पर्यटकों की भीड़ रहती है।
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रानी लक्ष्मी बाई के समर पैलेस के नाम से मशहूर है किला-
इतिहास के अनुसार बुंदेलखंड हमेशा से ही गर्म क्षेत्र माना जाता था और गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप से लोग हमेशा ही यहाँ परेशान रहते थे। इस किले की बनावट कुछ इस प्रकार है जिससे यहाँ चारों ओर हरियाली और पेड़-पौधे मौजूद रहते हैं, इसके साथ ही पास में ही लहलहाती झील भी हमेशा से ही किले को ठंडक पहुंचाती आई है। ऐसा माना जाता है कि जब गर्मी अपने चरम पर होती थी तब रानी लक्ष्मी बाई अपने झांसी के किले से निकल कर कुछ महीने प्रकृति के बीचो-बीच बसे इस किले में गुज़ारती थीं। और यही कारण है कि बरुआ सागर किला रानी लक्ष्मी बाई के समर पैलेस के नाम से भी देश भर में मशहूर है।
बुंदेला राजा उदित सिंह द्वारा बनवाए गए इस किले में पांच खंड मौजूद हैं। इन खंडों में छोटे-बड़े कई कमरे भी बने हुए हैं। बरुआ सागर गाँव और आसपास के इलाकों में रह रहे स्थानीय लोगों के अनुसार किले में तीन कुएं भी मौजूद हैं। ऐसा माना जाता है कि जब रानी लक्ष्मी बाई को किसी अपराधी को सज़ा देनी होती थी तो उसे इस किले में मौजूद कुओं में डाल दिया जाता था। इस किले से जुड़ी और भी कई कहानियां आपको यहाँ रह रहे लोगों से सुनने को मिल जाएंगी, लेकिन हैरानी के बात तो यह है कि बरसों पुराने इस किले की चमक में अबतक कमी नहीं आई है।
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झील देखने भी दूर-दूर से आते हैं पर्यटक-
जितने भी पर्यटक झांसी घूमने के लिए शहर आते हैं, वो इस किले की खूबसूरती का दर्पण करना नहीं भूलते। इसके साथ ही इस किले के बिलकुल सामने मौजूद झील में भी पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। यह झील इतनी बड़ी है कि इसका दूसरा छोर आपको दिखाई भी नहीं देगा। बरुआ सागर झील की असली सुंदरता देखने के लिए आपको किले के अंदर बनी छोटी- छोटी खिड़कियों से इस झील के दृश्य देखने पड़ेंगे।
तो देखी आपने संस्कृति और इतिहास से भरपूर बरुआ सागर किले की सुंदरता। अब अगली बार जब भी आप झांसी या बुंदेलखंड जाने की सोचियेगा, तो इस किले और यहाँ मौजूद खूबसूरत झील की झलक देखने ज़रूर आइएगा। और हाँ साथ में अपना कैमरा भी ज़रूर लेकर आइएगा ताकि उन तस्वीरों के ज़रिए इस किले की खूबसूरती आप आगे भी महसूस कर सकें।
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