कई लोगों ने बप्पी लहरी के पॉप म्युज़िक को फूहड़ (तुच्चा) भी कहा, लेकिन बप्पी लहरी ने उनकी बातों को कभी दिल से नहीं लिया।
डिस्को किंग नाम से मशहूर और बॉलीवुड को पॉप-संगीत से रूबरू कराने वाले मशहूर गायक बप्पी लहरी का 69 वर्ष की उम्र में बीते दिन 15 फरवरी, 2022 को मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया। उनका संगीत और उनकी उपस्थिति इतनी अलग थी, जो उन्हें एक बार देख ले, उनके अस्तित्व को उसके बाद भुला पाना मुश्किल था। उन्हें सोना पहना बेहद पसंद था। जानकारी के अनुसार, गुरूवार को उनके देह का अंतिम संस्कार होगा।
इस बीमारी से थे ग्रसित
उनकी मृत्यु की खबर उनके चाहने वाले लोगों के आँखों में आंसू ले आई। वह काफ़ी समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया नाम की बीमारी थी। इस बीमारी में सोने के दौरान सांस लेने में बार-बार रुकावट आती है।
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माइकल जैक्शन संग स्टेज किया था शेयर
साल 1996 में मशहूर पॉप स्टार माइकल जैक्शन जो पूरे विश्व में अपने पॉप म्यूज़िक के लिए जाने गए, भारत आए थे। माइकल जैक्शन ने मुंबई में अपने लाइव शो में बप्पी लहरी को बुलाया था। संगीत जगत से जुड़े वह इकलौते भारतीय संगीतकार थे, जिन्हें माइकल जैक्शन ने अपने लाइव शो में बुलाया था।
पॉप के कारण विरोध झेलना पड़ा
बप्पी लहरी को देश में पॉप कल्चर लाने के लिए जाना जाता है। हिंदी संगीत में पॉप मिश्रण करने की वजह से उन्हें काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा। कई लोगों ने उनके संगीत को फूहड़ (तुच्चा) भी कहा, लेकिन बप्पी लहरी ने उनकी बातों को दिल से नहीं लिया। वह अपने काम में लगे रहें। आज उनकी इस लड़ाई की वजह से भारत पॉप और रॉक म्यूज़िक से रूबरू हो पाया। आज भी उनके कई गाने आपको डीजे, पार्टियों में सुनने को मिलते होंगे जिसे ज़बा भी नहीं भूल पाती है।
यह था उनका आखिरी गाना और उनका असली नाम
यह बात कुछ ही लोगों को पता होगी कि उनका असली नाम आलोकेश लहरी था। 80-90 का दशक उनका था। दो साल पहली आई फिल्म बागी-3 का गाना ‘भंकस’ उनका आखिरी गीत रहा।
3 साल की उम्र से ही थामा संगीत का हाथ
अपने ज़माने के जाने-माने मशहूर गायक किशोर कुमार बप्पी लहरी के मामा थे। कहा जाता है कि उन्हें संगीत के क्षेत्र में लाने का श्रेय किशोर कुमार को ही जाता है। जब वह तीन साल के थे तब से उन्होंने तबला बजाना सीखना शुरू कर दिया था। 19 साल की उम्र में वह कोलकता छोड़ मुंबई आ गए थे।
बप्पी लहरी को इस तरह मिला पहला मौका
उनके पिता अपरेश लहरी बंगाली गायक थे और मां बांसुरी लहरी संगीतकार थीं। बप्पी लहरी ने मुंबई में संगीत के क्षेत्र में नाम कमाने से पहले बंगाली फिल्मों में गाना गाया था। वह जब 21 साल के थे, तब उन्हें साल 1973 में ‘नन्हा शिकारी’ नाम की फिल्म में संगीत देने का मौका मिला था। साल 1975 में आई फिल्म “ज़ख़्मी” से बप्पी लहरी को उनकी पहचान मिली। इस फिल्म में उन्होंने अपने मामा किशोर कुमार और मशहूर गायक मोहम्मद रफ़ी के साथ गाना गाया था।
इन गानों से बप्पी लहरी को मिली पहचान
80 के दशक में उन्हें ‘आई एम ए डिस्को डांसर’ गाना गाया, जो बहुत पंसद किया गया। इसके अलावा जिम्मी, जिम्मी, याद आ रहा है, तम्मा तम्मा लोगे, दे दे प्यार दे, रात बाकी बात बाकी, आज रपट जाएं, ऊ ला ला, इंतहा हो गई इंतज़ार की जैसे गानों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया।
बप्पी लहरी के नाम दर्ज हैं कई रिकॉर्ड
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 1986 में उन्होंने 33 फिल्मों में 180 गाने गाए थे। उनका ये रिकॉर्ड गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। उन्हें फिल्ममेयर की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है।
जानी-मानी हस्तियों ने जताया दुःख
I really enjoyed Bappi Da's music, especially “yaad aa raha hai” – heard it several times in the dressing room. The range of his talent was truly amazing.
आप हमेशा हमें याद रहोगे बप्पी दा! pic.twitter.com/NFougJVt8c— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) February 16, 2022
अपने मधुर संगीतों के माध्यम से करोड़ों दिलों में जगह बनाने वाले प्रसिद्ध गायक बप्पी लहरी जी के निधन के समाचार से दुखी हूं।
उनका जाना, भारतीय फिल्म एवं कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को संबल प्रदान करें। ॐ शांति pic.twitter.com/bobjYHGLoQ
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) February 16, 2022
क्यों चले जाते है दुनिया से कुछ लोग?? बप्पी दा! ओम् शांति। 🙏💔 pic.twitter.com/pHEYTg1f9f
— Anupam Kher (@AnupamPKher) February 16, 2022
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