बाँदा: इस लॉकडाउन ने ज़िंदगी ही डाउन कर दी :उत्तर प्रदेश बांदा जिला के तिलवारी ब्लाक के ग्राम पंचायत गुजरख यहां के मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि हमार लड़का मनोज 2 साल पहले गुजरात गया था जब से वह गांव नहीं आया था इस समय वह आने के लिए कई बार कहा पर लॉकडाउन के कारण वह गांव नहीं आ पा रहा था और ना उसके पास खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी जो उसके पैसा था वह पूरा खर्च हो चुका था इससे उसके पास खाने की कोई व्यवस्था न होने के कारण वहां मोबाइल से अपने घर वालों से बताया है कि मेरे पास खाने की कोई व्यवस्था नहीं है जो मालिक है वह नहीं दे रहा है जो हम आते हैं तो पुलिस द्वारा मार भी होती है और इस कारण से मैं नहीं आ पा रहा हूं इसके बाद वह परेशान हो कर अपने कमरे के अंदर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है इस मामले में परिवार वालों का यह भी आरोप है कि अगर उसके पास खाने-पीने की व्यवस्था यह मालिक करता तो शायद भर खत्म ना होता अगर वह आ रहा था तो पुलिस उनको परेशान भी ना करती जब कि उसको मार दी थी जो उसके पास मोबाइल था वह भी नहीं था कई दिनों बाद ही पता चला है कि मनोज आत्महत्या कर ली है जब मनोज की हत्या की जानकारी परिवार वालों को मिली है तो उनके परिवार वालों रो रो के बुरा हाल है अब लोगों को यह भी कहना है कि जो हमारे यहां के लोग बाहर हैं जो फंसे हुए हैं ऐसा ना होना चाहिए प्रशासन से निवेदन है कि लोगों को उनके गांव तक सुरक्षा भेजा जाए वहां पर नून रोटी खा कर लेंगे अपने परिवार के साथ यही सरकार से सभी लोगों ने निवेदन कर रहा है कि जो बच्चा बाहर फंसा हुआ है तो उनको शासन ने उनके गांव तक पहुंचाएं अपने परिवार के साथ नून रोटी नमक खाकर पालन कर सकता है अगर इस तरह के लोग वहां तक नहीं आ पा रहे हैं तो यह करो ना वार महामारी की बहुत सारी चर्चाएं हो रही हैं तो लोग करो ना से नहीं मरता नहीं बच रहा है तो भूख से ही लोग मर रहा है लॉकडाउन ने न जाने कितनों की जान बचने के साथ साथ जान ले भी ली है