उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गाँव पंचायत लौमर के किसान अब परेशान हो रहे हैं। इसका कारण है कि 1988 में वहां आम का बगीचा लगाया गया था, और इस बगीचे में हर साल समय पर आम के पेड़ों पर बौर आ जाते थे लेकिन इस साल मार्च का महीना आने पर भी पेड़ों पर बौर देखने को नहीं मिल रही हैं।
ये भी देखें –
बुंदेलखंड में ‘सोलर पंप’ के ज़रिये लाई जा रही सौर क्रांति, किसानों को कितना फायदा?
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’