“यूपी सोलर पंप योजना” की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 14 मार्च 2016 को की गई थी। योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की बिजली बिल से निजात दिलाना बताया गया।
सोलर पंप लगने से बुंदेलखंड के किसानों में कुछ राहत देखने को मिल रही है। खेतों की सिंचाई, किसानों के लिए हमेशा से चुनौती रही है जिसका असर उनकी फसलों पर देखा जाता रहा है। वहीं बिजली व डीज़ल के ज़रिये सिंचाई से किसानों पर आर्थिक भार भी बढ़ता रहा है। इन सभी समस्यों से बचाव के लिए किसान पिछले कुछ सालों से सोलर पंपों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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सोलर पंप से साल भर होती है सिंचाई
बांदा जिले के जमवारा गांव की 35 वर्षीय महिला किसान रायशा ने खेत में लगे सोलर पंप के पास ही अपना छोटा-सा घर बना रखा है। उन्हें सोलर पंप लगाए लगभग 8 साल हो गए हैं। अब खेतों में पानी डालने के लिए उन्हें बस एक बटन दबाने की ज़रूरत होती है और खेतों में पानी आने लगता है।
पहले सिंचाई के लिए बारिश व नहर के अलावा कोई उपाय न होने के वजह से उन्हें इसी पर निर्भर होना पड़ता था और अगर बारिश नहीं हुई या नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो उससे खेती में नुकसान भी झेलना पड़ता था। अब उनके पास इन सब खतरों से बचने के लिए सोलर पंप है। न इसमें बिजली का खर्च है और न ही डीज़ल का। सूरज की किरणों से सोलर प्लेट चार्ज हो जाती है। अब वह बारहो महीने बिना पानी की कमी के अपने खेतों की सिंचाई कर पाती हैं और उनके खेत हरे-हरे रंग में लहलहाते रहते हैं।
बता दें, सूरज की रोशनी से चलने वाले सोलर पंप ज़मीन से पानी खींचता है और फसल को भरपूर पानी पहुंचाता है।
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बुंदेलखंड में सौर क्रांति
70 वर्षीय किसान लल्लू राम जो नरैनी के रहने वाले हैं, कहते हैं कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन बुंदेलखंड क्षेत्र में एक सौर क्रांति फैल रही है। सोलर पंप के ज़रिये बारिश की कमी वाले गांवो में तेज़ी से सोलर पंप के ज़रिये सिंचाई की सुविधा हो रही है। इससे किसानों को अधिक फसल उगाने व समय पर खेतों की सिंचाई करने में मदद भी मिल रही है। उन्हें सोलर पम्प लगाए हुए लगभग 5 साल हो गए हैं।
उनका कहना है कि 5 साल पहले अख़बार के ज़रिये उन्हें उत्तर प्रदेश सोलर पंप के बारे में जानकारी मिली थी। योजना को पढ़ने के बाद उन्हें इसके फायदे के बारे में समझ आया। इसके बाद उन्होंने सभी दस्तावेज़ों को जमा करते हुए 3 एचपी का सोलर पंप लगवाया जिसके लिए उन्होंने 55 हज़ार रूपये भी जमा किये। इसमें उन्हें कुछ छूट भी मिली थी, क्योंकि उनके अनुसार यह अनुदान के तहत था।
सोलर पंप लगवाने के बाद वह 12 महीने लगातार सब्ज़ी की खेती करते रहें। मौसमी सब्ज़ी लगाने से उन्हें काफी मुनाफा भी हुआ। उनका कहना है कि नरैनी में कई किसानों ने सोलर पंप लगवाए हुए हैं।
“यूपी सोलर पंप योजना” के बारे में जानें
जानकारी के अनुसार, “यूपी सोलर पंप योजना” की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 14 मार्च 2016 को की गई थी। योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की बिजली बिल से निजात दिलाना बताया गया। यह भी बताया गया कि अगर किसान इस योजना के तहत 2 और 3 एचपी के सोलर पंप लगवाते हैं तो उन्हें 70% तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं अगर वे 5 एचपी का सोलर पंप लगवाते हैं तो उन्हें 40% की सब्सिडी दी जायेगी।
“यूपी सोलर पंप योजना” की पात्रता
– बैंक पासबुक
– पहचान पत्र
– आधार कार्ड
– खेती के कागजात ( खतौनी, खतरा )
– निवास प्रमाण पत्र
– पासपोर्ट साइज फोटो
“यूपी सोलर पंप योजना” का आवेदन
– सबसे पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट http://upagripardarshi.gov.in/ पर लॉग इन करना होगा।
– अब आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुलकर आ जायेगा।
– पेज पर आपको सोलर पंप योजना का लिंक दिखाई देगा।
– लिंक पर क्लिक करते ही आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल कर आ जायेगा।
– आवेदन फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियों को सही से भरिये।
– फॉर्म की जानकारियों को सही से भरने के बाद संबंधित दस्तावेजों को लगाकर कार्यालय में जमा करें। इस तरह आपका आवेदन फॉर्म पूरा हो जाएगा।
यह योजना किसानों के लिए काफी लाभकारी दिखाई दे रही है लेकिन सिर्फ उन किसानों के लिए जिन्हें इसकी जानकारी है। जो किसान आर्थिक रूप में सोलर पंप लगाने के लिए हज़ारों रूपये पहले खर्च कर सकते हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमज़ोर किसान इसका कितना फायदा उठा पा रहे हैं? क्या उन तक यह योजना या जानकारी पहुँच रही है? इससे भू-जल पर पर कितना और क्या असर हो रहा है? यह सवाल भी इसके साथ देखने को मिलते हैं।
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गई है।
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