दोस्तों उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में 5 साल की मासूम बच्ची से रेप और उसके बाद हत्या करने के जुर्म में कोर्ट ने दोषी को 4 जनवरी 2023 को फांसी की सजा सुनाई है। लेकिन क्या फांसी की सजा सुनाने और फांसी होने से हो रहे क्राइम की घटनाओं पर रोक लगेगी? मुझे तो नहीं लगता .मेरे हिसाब से फांसी की सज़ा सुनाना कोई समस्या का समाधान नहीं है।
जासूसी में मिली जानकारी के अनुसार मामला मरका थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां 18 अप्रैल 2021 की शाम एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची को परिवारिक रिश्ते में बाबा लगने वाले के बुजुर्ग ने बिस्किट देने के बहाने घर से ले जा कर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इतना ही नहीं बाबा ने उसकी हत्या कर लाश को भूसे के ढेर भी छिपा दिया था। परिजनों को जब बच्ची काफी समय तक नहीं दिखी तो खोजबीन शुरू की। उस दौरान अचानक जमीन पर खून के छींटे देख उनके होश उड़ गए। उन्होंने मासूम को खोजना शुरू किया, जिसके बाद मासूम का शव घर के भूसे के ढेर में पड़ा मिला। इस मामले में पुलिस को जब सूचना दी गई तो पुलिस ने अच्छी पैरवी की। आनन-फानन में रेप, मर्डर, पॉस्को एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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जासूसी में निकल कर आया कि मामला कोर्ट में चल रहा था। परिवार न्याय की आस में आंख बिछाए बैठा हुआ था, तभी 25 नवंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। आरोप पत्र दाखिल करने के 28 दिनों में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। साथ ही मामले में कोर्ट ने 2 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पीड़ित परिवार न्याय पाकर काफी खुश है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के साथ पुलिस-प्रशासन का भी वह बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं। ऐसी न्याय व्यवस्था लागू होनी चाहिए जिससे देश में घटनाओं पर रोक लग सके। वह इस बात से खुश हैं कि उनकी लड़की तो दुनिया से चली गई लेकिन जिस आस में वह 2 साल से आंख बिछाए बैठे थे उनको न्याय मिला। इस न्यायिक प्रक्रिया से उन्हें उम्मीद है कि आगे इस तरह की किसी की बच्चियों के साथ घटना करने से पहले लोग सौ बार सोचेंगे।
कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता कमल सिंह ने बताया कि मामला विशेष न्यायाधीश अनु. सक्सेना के कोर्ट में चल रहा था। 25 नवंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया जिसके बाद 23 दिसम्बर को गिलटी (दोषी) होल्ड कर दी गयी थी। यानी फैसला सुरक्षित कर दिया गया था। जिसके 28 दिन बाद 4 जनवरी को कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। साथ ही 2 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की आधी राशि पीड़ित को दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में 6 गवाह भी पेश किए थे तो यह थी मेरी आज की जासूसी भरी कहानी। अगली बार फिर मिलूंगी किसी नए मुद्दे के साथ, तब तक के लिए दीजिए इज़ाज़त नमस्कार!
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