जिला बांदा के ब्लॉक बबेरु के गांव अलिहा में छुआछूत का मामला सामने आया है। दुकान में सामान लेने गई अनुसूचित जाति की रागनी का आरोप है कि गांव के कुशवाहा जाति के लोगों ने छुआछूत को लेकर उसे ज़मीन पर लिटाकर डंडे से पीटा है और उसके कपड़े भी फाड़ दिए हैं। इतना ही नहीं जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल भी किया गया है। हालांकि पुलिस मामले को छुआछूत का होने से इन्कार कर रही है।
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बिसंडा थाना क्षेत्र के अलिहा गांव निवासी रागनी बताती है कि 26 जून को वो पड़ोस की दुकान से घर का सामान लेने गई थी। वहां अन्य लोग भी सामान ले रहे थे। वहां गांव के व्यक्ति से उसका विवाद हो गया था। किशोरी ने एसपी कार्यालय में शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया कि गांव के एक भलूवा कुशवाहा व उसके घर के सदस्य ने सामान लेते समय छू जाने पर डंडे से उसे बेरहमी से पीटा है। आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी है। शिकायत करने पर पुलिस ने गांव से आरोपी को पकड़ लिया था। बाद में उसे चौकी से छोड़ दिया गया है। उसका न तो डॉक्टरी परीक्षण कराया गया है न ही आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है। इसलिए वह चाहती है कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कराकर आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
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दूसरे पक्ष का कहना है कि जाति बिरादरी और छुआछूत का मामला नहीं है उनके घर में सूतक है। वह लड़की सौदा लेने आई थी और वज्ञ भी दुकान में सौदा ले रहे थे इसलिए उन्होंने कह दिया कि हमारे घर में सूतक है, हमें न छूना। इसी बात को लेकर वह लड़की भड़क गई है। उसके साथ मारपीट नहीं की गई है।
थाना बिसंडा तहसील बबेरू के सीओ सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि प्राथमिक जांच में मामला छूआछूत का सामने नहीं आया है। जिसके ऊपर ऐसा आरोप लगाया जा रहा है, उसके पिता का देहांत हो गया था। घर में सूतक (गमी) होने के चलते आरोपी ने छूने से मना किया था। इसके अलावा मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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