जिला बांदा| मुख्यमंत्री के बांदा दौडे से फिर एक बार दर्दनाक घटना हुई रविवार को नरैनी तहसील परिसर में देविन नगर मोहल्ले के रहने वाले राजस्व विभाग के चतुर्थी श्रेणी में काम करने वाले चुन्नू लाल कुशवाहा ने आग लगा ली और अपनी जान की कुर्बानी दी
इसके पहले भी जब 2017 में मुख्यमंत्री बांदा दौडे पर आए थे तब भी एक बडा हादश हुआ था जिससे कई लोग मरे थे लेकिन अधिकारी मुख्यमंत्री की स्वागत में लगे थे| जिस तरह चुन्नूलाल ने बर्खास्तगी और वेतन न मिलने से परेशान होकर तहसील के अन्दर संग्रह अनुसेवक कार्यक्रम के सामने 8 दिसंबर को मिट्टी का तेल डाल आग लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई
| मृतक चुन्नूलाल के परिवार का आरोप है कि वह लगभग 30 साल से तहसील में कार्यात था 14 महीने से वेतन नहीं मिल रहा था जिससे परेशान होकर उन्होंने जान की कुर्बानी दी | उनके पास सिर्फ़ 6 बीघे जमीन है दो बेटे है| घर का गुजारा मुश्किल हो रहा था| पहले भी उसको कफी परेशान किया ज रहा था और बर्खास्त भी कर दिया गया था
और वह मामला हाई कोर्ट में चल रहा था अभी अगस्त के महीने में ही उसे ज्वाइनिंग मिली है और दो महीने बाद रिटायरमेंट भी था| काफी दिन से वह परेशान रहते थे और बताते थे की नायब तहसीलदार उससे 20 हजार रुपए मांग रहा है तब वेतन के लिये दसकत करने की बात कह रहा है पर उसके पास इतना पैसा नहीं था| नायब तहसीलदार आरके शुक्ला का कहना है की उनके ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे है वह गलता है न उन्होंने पैसे की मांग की न वेतन रोकने की नरैनी एसडीएम वन्दिता श्रीवास्तव ने बताया की चुन्नूलाल सहित पांच अनुसेवकों की नियुक्ति अस्थाई हुई थी इनको स्थाई करने के लिए एसडीएम ने चयन समिति का गठित की थी उस समीति के सामने वह नहीं आए थे|जिला वाराणसी में काम पर गए 40 वर्षीय व्यक्ति के जान की गुत्थी कैसे सुलझेगी?
जिससे 1993 में चुन्नूलाल को बर्खास्त कर दिया गया था| चुन्नूलाल ने हाईकोर्ट मे रिट दायर कर अपनी बर्खास्ती के विरुद्ध स्थागन आदेश ले लिया| 18 अप्रैल 2019 को याचिका खारिज होने पर स्टे खत्म हो गया| इस पर चुन्नूलाल कि वेतन रोक दोबारा बर्खास्ती की कारवाई की गई| इस पर चुन्नूलाल ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील कर इसी साल अगस्त में फिर बहाल कर दिया गये तब से कोई दिक्कत नहीं थी कुछ उनके घर कलह का भी कारण बताया जा रहा है पर इसकी जांच की ज रही है अगर जांच में कुछ पाया गया तो कारवाई की जाएगी