उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के तिंदवारी क्षेत्र में छेड़खानी का मामला सामने आया है। पीड़िता का आरोप है कि लगभग एक साल से मोहल्ले का लड़का उसे परेशान कर रहा है। कभी वह फोन पर अश्लील मैसेज भेजता है तो कभी जब वह बाहर काम से जाती है तो उसे पीछे से पकड़ता है। उसका हाथ पकड़ता है और उसका दुपट्टा भी खींचता है। जब वह मना करती है तो आरोपी लड़का उसे गाली और धमकी देता है। आरोपी धमकी देते हुए कहता है कि अगर वह किसी से शिकायत करेगी तो वह उसे और उसके परिवार को मौत के घाट उतार देगा।
लड़की द्वारा अपने भाई और माँ के साथ बाँदा के एसपी कार्यालय में मामले को लेकर ज्ञापन दिया गया और आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। लड़की की मां का आरोप है कि उन्होंने 15 अगस्त 2021 को तिंदवारी थाना में आरोपी के खिलाफ एप्लीकेशन देकर कार्यवाही करने की मांग की थी। थानाध्यक्ष ने पैसे के लेन-देन के बाद कोई कार्यवाही नहीं की और पीड़िता को डांट कर भगा दिया। इस कारण से वह दर-दर की ठोकरें खा रही हैं। वह कहती हैं कि अगर गरीब लोगों की सुनाई नहीं होगी तो मजबूरी में वह लोग अनशन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
लड़की के भाई ने बताया है कि, ‘बहन मुझसे सारी बात बताने लगी तो मैं उलाहना देने गया फिर मुझे उसके (लड़के) परिवार वालों ने पकड़ कर पीटा। जिससे मैं घायल हो गया और मेरा हाथ भी फ्रैक्चर हो गया।’
मामले को लेकर एस.आई विजय चतुर्वेदी ने बताया है कि मारपीट का मामला है। जो महिलाएं छेड़खानी का आरोप लगा रही हैं, वह गलत है जबकि 8 लोग छेड़खानी नहीं कर सकते हैं। एस.आई का यह कथन जुमले से ज़्यादा कुछ नहीं लगता। ऐसा कहां लिखा है कि आठ लोग छेड़खानी नहीं कर सकते? बिना कोई कार्यवाही किये हुए इस तरह का बयान देना उनकी ज़िम्मेदारी और न्याय के वादों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
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