अयोध्या मामले से जुड़े एक महत्वपूर्ण पहलू पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकती है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का आंतरिक हिस्सा है या नहीं।
अयोध्या का राममंदिर–बाबरी मस्जिद विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अयोध्या की जमीन किसकी है, इस पर अभी सुनवाई की जानी है।
बता दें कि मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दलील दी गई थी कि 1994 में इस्माइल फारुकी केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है और ऐसे में इस फैसले को दोबारा परीक्षण की जरूरत है और इसी कारण पहले मामले को संवैधानिक बेंच को भेजा जाना चाहिए।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा है कि अदालत इस पहलू पर फैसला लेगी कि क्या 1994 के सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक बेंच के फैसले को दोबारा देखने के लिए संवैधानिक बेंच भेजा जाए या नहीं। इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने अभी फैसला सुरक्षित किया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच हिंदू और मुस्लिम पक्षों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। दोनों पक्षों ने 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को अस्वीकार किया है, जिसमें विवादित जमीन को बांटने की बात की गई थी। उस विवादित जमीन पर बाबरी मस्जिद थी। हाई कोर्ट ने जमीन को 2:1 के अनुपात में बांटने का फैसला सुनाया था।