कोविड-19 की वजह से जहां पूरे देश में महामारी फैली है लोग परेशान हैं लोगों की नौकरियां छूट गई बेरोजगार हैं बहुत सारी दिक्कतें हैं और ऐसा पहली बार हुआ है कि यूपी बोर्ड 10 वीं और 12 की परीक्षा को उत्तर प्रदेश सरकार निरस्त कर दिया इससे कई छात्रों का जो सपना था वह भी टूट गया ऐसे में जो गरीब स्टूडेंट है और अपने सपने को लेकर बाहर तैयारी करते हैं घर से तैयारी करते हैं लॉक डाउन की वजह से उनकी क्लास भी बंद है ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन तो चलिए हम ऐसे छात्रों से आपको मिल जाते हैं जिसका कोई ना कोई सपना है और अपने सपनों के लेकर बहुत चिंतित है कोविड-19 का इफेक्ट उनके सपनों पर पड़ा है तो हम चलिए उन्हीं से जानते हैं।
तारुन ब्लाक के रहने वाले मंगल पांडे पिछले 4 साल से यूपीपीसीएस आईएस की तैयारी कर रहे हैं उनका कहना है कि हम घर से 40 किलोमीटर दूर अयोध्या जिले में रहकर तैयारी कर रहा हूं लेकिन पिछले 2 साल से 2020 से कोविड-19 हमारे सपनों को पानी फेर दिया बहुत सारे दिक्कत आती है इससे तैयारी ठीक से नहीं हो पा रही है क्लास से बंद हो गई है पिछली बार ऐसा हुआ इस बार भी हो गया और घर पर आकर बहुत सारी दिक्कतें होती है क्लास में ऑनलाइन क्लास में भाग नहीं ले पाते हैं नेटवर्क नहीं रहता और गांव में तो बिजली भी नहीं रहती है तो बहुत सारी दिक्कत है आ रही है मेरा कई बार pree निकल भी गया है कोविड-19 ना होता तो शायद अब तक मैं सिलेक्शन ले लिया होता।
जिला अंबेडकर नगर से उपासना का कहना है मैं भी लगभग 3 साल से यूपीएसआई की तैयारी कर रही हूं एक मिडिल क्लास की लड़की हूं घर की इतनी अच्छी नहीं है फिर भी मैं अपने सपने को लेकर अपनों से दूर रहकर अयोध्या जिले में तैयारी करती हूं लेकिन 2 साल से कोई तैयारी नहीं हो पा रही है गोविंदा का असर हमारी तैयारियों पर पड़ रहा है जिसकी वजह से ना तो कोई पेपर हो रहे हैं और ना ही ठीक से तैयारी हो रही है घर आ गए हैं इस समय घर पर नेटवर्क नहीं रहता बिजली नहीं रहती इसके अलावा घर का बहुत सारा काम रहता है कि काम करें या फिर पढ़ाई करें समझ नहीं आता है 1 साल का लगभग 50 से 60000 लग जाता है तैयारी में।
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