खबर लहरिया Blog अयोध्या: नीट परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को लेकर ज़िले में धरना प्रदर्शन

अयोध्या: नीट परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को लेकर ज़िले में धरना प्रदर्शन

देशभर में रिजर्वेशन हटाने के बाद हुए विरोध के चलते केंद्र सरकार ने वापस से नीट की परीक्षा में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण तो दे दिया है,  लेकिन अभी भी इन लोगों की आरक्षण को लेकर और मांगें हैं।

नीट में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को आरक्षण ना लागू करने के विरोध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारियों ने अयोध्या ज़िले के तिकोनिया पार्क में धरना प्रदर्शन कर विरोध किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष संदीप पाल का कहना है कि 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के समय से ही लगातार ओबीसी वर्ग के साथ धोखाधड़ी की जा रही है।

 

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को यह एहसास हो गया है कि हमारे जीवन में डॉक्टर कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इसी को मद्देनज़र रखते हुए महामारी के साथ-साथ अन्य बीमारियों से बचाव के लिए भी डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए होने वाली नीट परीक्षा में ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो देशभर में विशाल रैली प्रदर्शन किया जाएगा।

बता दें कि देशभर में रेज़र्वेशन हटाने के बाद हुए विरोध के चलते केंद्र सरकार ने वापस से नीट की परीक्षा में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण तो दे दिया है, लेकिन अभी भी इन लोगों की आरक्षण को लेकर और मांगें हैं।

तीन चरण में हुआ आंदोलन-

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बहुजन मुक्ति जौन प्रभारी सुनील निषाद कहना है पूरे भारत में नीट की परीक्षा में ओबीसी के आरक्षण को ख़तम करने का फैसला बिलकुल ही गलत है। और इसी मुद्दे की बहाली के लिए विरोधियों ने तीन चरण में आंदोलन करने का फैसला लिया था। पहला आंदोलन 20 जुलाई 2021 को हुआ जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति को जिला अधिकारी के जरिए ज्ञापन दिया गया, द्वितीय चरण 26 जुलाई 2021 को हुआ जिसमें सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया गया। कल यानी 3 अगस्त 2021 को तृतीय चरण के लिए तिकोनिया पार्क में इन लोगों ने रैली निकाली।

जाति आधारित गणना कराने की है मांग-

इन लोगों की आरक्षण से जुड़ी दो और मांगें हैं, यह लोग चाहते हैं कि गैर संवैधानिक कानून को भी खत्म किया जाए, इसके अलावा इन लोगों ने बताया कि जाति आधारित गणना भी होना बंद हो चुकी है। सुनील निषाद ने बताया कि आज़ादी से पहले अंग्रेज जाति आधारित गणना कराते थे लेकिन केंद्र सरकार में जितनी भी सरकारें बनी, उन सब ने जाति आधारित गणना पर रोक लगा दी। और इसी के कारण समाज के युवा वर्ग को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
इसके साथ ही उनका कहना है कि ओबीसी वर्ग के हज़ारों परिवार भुखमरी, बेरोज़गारी का भी शिकार हो रहे हैं। ये लोग अब चाहते हैं कि ओबीसी की जाति आधारित गणना की जाए ताकि उन्हें उनके हिस्से का अधिकार मिल सके।

इन लोगों का कहना है कि संविधान में जनसंख्या के आधार पर सबको अधिकार देना लिखा गया है लेकिन जब सही ढंग से जनसंख्या की गणना ही नहीं होगी तो लोगों को उनके अधिकार कैसे मिल पाएंगे।

इन लोगों ने हमें यह भी बताया कि हाल ही में ऐसी खबरें आयी थीं कि उत्तर प्रदेश में 69000 ऐसे शिक्षक भर्ती किए गए जिन्हें ओबीसी वर्ग में भर्ती किया गया था लेकिन असल में इनमें से 5000 हज़ार शिक्षक उच्च जाति के हैं। धरना प्रदर्शन कर रहे लोग यह भी चाहते हैं कि इस मामले की जांच होनी चाहिए ताकि आरक्षण के नाम पर जो घोटाला चल रहा है वो सबके सामने आ सके।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए कुमकुम यादव द्वारा रिपोर्ट किया गया है।

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