अयोध्या के तारुन ब्लॉक में महिला को डरा धमका कर उसके साथ ज़बरदस्ती दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। जिसमें आरोपी महिला के बच्चे और पति को मारने की धमकी देता है।
अयोध्या एक धर्म नगरी है। लोग कहते हैं यहां पर इतने क्राइम नहीं होते हैं जितने की अन्य शहरों में होते हैं। लेकिन इस धर्म नगरी में आये दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जिनसे नज़रे नहीं फेरा जा सकता। आये दिन यहां बलात्कार, मर्डर आदि जैसी हिंसक घटनाएं होती रहती हैं। धर्म नगरी भी महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है। सरकार द्वारा यहां चाहें सुरक्षा के नाम पर कितनी ही योजनाएं और अभियान चला दी गयी हो। लेकिन सच तो यही है कि क्राइम की घटनाएं यहां ज्यों की त्यों बनी हुई है।
अयोध्या जिले के ब्लॉक तारुन के अंतर्गत एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें गाँव का व्यक्ति महिला को डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म करता है।
यह है पूरा मामला
तारुन क्षेत्र में महिला अपने पति और अपने 4 साल के बच्चे के साथ रहती है। गाँव का राम भवन निषाद नाम का व्यक्ति करीबन तीन महीने से उसके साथ दुष्कर्म करता आ रहा है। पिछले तीन महीनों से वह रात के 11:00 से 12:00 के बीच महिला के घर आता और उसके साथ ज़बरदस्ती करता। आरोपी राम भवन द्वारा महिला को डराकर कहा जाता कि अगर उसने यह बात किसी को भी बताई तो वह उसके पति और उसके बेटे को जान से मार देगा। इस डर की वजह से महिला ने उसके साथ होती हुई क्रूरता को किसी को भी नहीं बताया।
महिला के पति के देखते ही भाग निकला राम भवन
महिला के अनुसार, “वो दिन में धमकी देता और ज़बरन दुष्कर्म करता रहा। डर के मारे मैंने किसी को नहीं कहा।” 4 जुलाई 2021 की रात को राम भवन निषाद ने फिर से महिला के साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश की। ऐसा करते समय महिला के पति ने उसे देख लिया तभी राम भवन वहां से भाग निकला। इसके बाद महिला के पति ने जब उससे गुस्से से सारी बात पूछी तब जाकर महिला ने अपने पति को पूरी घटना के बारे में बताया। फिर महिला अपने पति के साथ तारुन थाने आरोपी राम भवन निषाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ कराने गयी।
महिला के पति का कहना है कि वह लोग बहुत गरीब है। छप्पर के घर में रहते हैं। ना तो उसमें दरवाजा है और ना ही कोई सुविधा है। वह बाहर काम करते हैं। वह भट्टे पर 3 महीने पहले इरफात गंज काम करने गया था। उसकी पत्नी घर पर अकेली थी।
थाना अध्यक्ष की बात
तारुन क्षेत्र के थाना अध्यक्ष एसओ का कहना है कि वह पहले मामले की जांच करेंगे तब जाकर आगे की कार्यवाही की जायेगी।
यूपी में महिला हिंसा से जुड़े तथ्य और रिपोर्ट
इंडियन एक्सप्रेस की 30 सितम्बर 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध (59,853) दर्ज किए गए हैं। जो की पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसाओं के मामलों का 14.7 प्रतिशत है। इसके बाद राजस्थान (41,550 मामले; 10.2 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (37,144 मामले; 9.2 प्रतिशत) का स्थान है। असम में महिलाओं के खिलाफ अपराध की उच्चतम दर 177.8 (प्रति लाख जनसंख्या) दर्ज की गई। इसके बाद राजस्थान (110.4) और हरियाणा (108.5) है।
पोस्को अधिनियम (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) के तहत उत्तर प्रदेश में लड़कियों के खिलाफ सबसे अधिक 7,444 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र (6,402) और मध्यप्रदेश (6,053) का है। इन अपराधों की सबसे उच्चतम दर सिक्किम (27.1 प्रति लाख जनसंख्या), एमपी (15.1) और हरियाणा (14.6) में दर्ज़ की गयी है।
यूपी में सबसे ज्यादा दहेज के मामले (2,410) 2.2 (प्रति लाख जनसंख्या) की दर से दर्ज़ किये गए हैं। उसके बाद बिहार (1,120) है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में 150 एसिड हमले हुए थे जिनमें से 42 यूपी में और 36 पश्चिम बंगाल में हुए थे।
इन आंकड़ों के बाद क्या यह कहा जा सकता है कि हाथरस और उन्नाओ जैसी निंदनीय घटनाओं के बाद राज्य सरकार जागी है। हर घटना के बाद बड़े-बड़े वादे और बदलाव की बात की जाती है। प्रशासन और एक समाज के तौर पर आखिर अभी तक क्यों महिलाओं को सुरक्षा का एहसास नहीं हो पाया है?
इस खबर की रिपोर्टिंग कुमकुम यादव द्वारा की गयी है।