नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सब। मैं मीरा देवी खबर लहरिया की प्रबन्ध संपादक अपने शो ‘राजनीति रस राय’ में आपका बहुत-बहुत स्वागत करती हूं। 8 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात राज्य में विधानसभा चुनाव 2022 का नतीजा आया। गुजरात में बीजेपी तो हिमालय प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बन गई। गुजरात में भूपेन्द्र पटेल और हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री चुन लिए गए हैं।
गुजरात में बीजेपी ने 150 से ज़्यादा सीटों के साथ सातवीं बार जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस ने राज्य में सबसे खराब प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी को 2017 में 77 सीटों पर जीत मिली थी जबकि वह इस बार 16 सीट ही जीत पाई। हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां कुल 68 विधानसभा सीट है। इसमें से कांग्रेस ने 40, भारतीय जनता पार्टी ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। 1985 के बाद से यहां हर पांच साल में सत्ता बदल जाती है, अब भी ऐसा ही हुआ है। ‘रिवाज’ के हिसाब से पहाड़ के लोगों ने सत्ता की चाभी कांग्रेस को सौंप दी है। जबकि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी।
ये भी देखें – राजनीति के खिलाड़ी ढूंढ़ ही लेते हैं बचने का रास्ता – आर.के पटेल
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मिली शानदार जीत के बाद भले ही बीजेपी, कांग्रेस के नेता खुशियां मना रहे हैं लेकिन सोचने और विचार करने वाली बात ये है कि देश की सबसे बड़ी दोनों पार्टियां कहीं न कहीं कमजोर क्यों साबित हुईं? बीजेपी जब गुजरात में लगातार सातवीं बार जीत सकती है तो हिमाचल प्रदेश में दोबारा क्यों नहीं? वहीं कांग्रेस जब हिमाचल प्रदेश को बीजेपी पार्टी को रन आउट कर देती है तो गुजरात में खराब प्रदर्शन क्यों किये गए?
गुजरात राज्य को बीजेपी छोड़कर कोई नहीं जीत सकता इसका अंदाजा सबको पहले से ही था। बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ गुजरात राज्य ठीक उसी प्रकार कांग्रेस नहीं जीत सकी जैसे उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट के लिए हुए लोकसभा उपचुनाव को बीजेपी नहीं जीत सकी। मतलब सबका अपना अपना गढ़ होता है। क्या यह गढ़ बनाना ठीक है जहां किसी और पार्टी को सालों साल मौका न मिले? ऐसे में हिमाचल प्रदेश का रिवाज ठीक ही लगता है जो हर एक पार्टी को राज करने का मौका देता है।
ये हैं मेर सवाल और विचार और इस मुद्दे पर आपके क्या विचार हैं हमें कमेंट बॉक्स में लिख भेजिए। अगर आपको हमारी खबरें पसंद आती हैं और आप हमारा समर्थन करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए थैंक्स बटन पर क्लिक कर हमारा और हमारी खबरों का सपोर्ट करें। साथ ही अगर आप हमारा एक्सक्लूसिव कंटेंट देखना चाहते हैं तो ज्वाइन बटन पर क्लिक कर हमारी कम्युनिटी के सदस्य बनें। अभी के लिए बस इतना ही। अगली बार फिर आऊंगी किसी नए मुद्दे और नए साथी के साथ तब तक के लिए नमस्कार!
ये भी देखें – मैनपुरी उपचुनाव 2022 : क्या इस बार अपनी सीट बचा पाएगी सपा ? राजनीति रस राय
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’