छतरपुर जिले के महोबा रोड पर राजस्थान जिले के 4 परिवार तकरीबन डेढ़ महीने से रह रहें हैं। यह परिवार अपने राज्य में खिलौने बनाने का काम किया करते थे लेकिन वहां उनके खिलौने की बिक्री नहीं होती थी। बसर करने के लिए यह परिवार अपना राज्य छोड़ छत्तरपुर आ गए। यहां आकर वे लोग अपने खिलौने बेचने लगे।
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जब हमने इन लोगों से बात कि तो उनका कहना था कि वह लोग पीओपी से खिलौने बनाते हैं। वह कहतें हैं कि वह प्रेम से खिलौने बनाते हैं। पीओपी भिगोकर खिलौने में भरते हैं। कई बार नुकसान भी हो जाता है। 10 खिलौने बनाते हैं तो उसमें से 4 ही बचते हैं। बाकी टूट जाते हैं। खिलौने बनाने में बच्चे और बड़े सब लगे रहते हैं। इसमें मुश्किल से 10 से 12 रुपए की कमाई होती है।
वह खिलौने में मूर्तियां, गुल्लक, जीव-जंतु और कई तरह के खिलौने बनाते हैं। इतनी मेनहत के बाद भी वह इतना कमा नहीं पाते कि उनका घर बेहतर तौर पर चल सकें।
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