खबर लहरिया Hindi शायद इसलिए ही खुले में घूम रहे आवारा पशु

शायद इसलिए ही खुले में घूम रहे आवारा पशु

जिला वाराणासी में चिरईगांव प्रदेश में योगी सरकार के सत्तासीन होते ही गोवंश हत्या पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया, बूचड़खानों पर रोक लगा दी गई इसके अलावा  और आवारा पशु  व कथित गोरक्षकों के गुंडई के चलते चोरी छिपे गोकसी करने वाले सहम गए।

जिसके चलते आवारा पशु की संख्या में बढ़ोतरी आ गयी है। ज्यादातर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा खनन माफियाओं एवं दबंगों का कब्जा बना हुआ है। अवारा पशु यहां वहां मारे मारे फिर रहें हैं । आवारा पशु  की बढ़ती संख्या किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। किसान दिनभर खेतों की निगरानी कर रहे हैं।

रात्रि में आवारा पशु  का झुंड फसलों को खाक करने के साथ रौंदकर मिट्टी में मिला दे रहे हैं। जब सुबह किसान खेतों के पास पहुँचते हैं और फसलों की तबाही का मंजर देखकर खून के आंसू रोने पर मजबूर हो रहें हैं। कई बार तो आक्रोशित किसानों ने स्कूलों एवं सरकारी कार्यालयों में छुट्टा पशुओं को बन्द कर विरोध जताया। इस बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार ने शहरों में कान्हा पशु आश्रय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पशु आश्रय गृह बनवाने का निर्णय लिया। शासन स्तर पर बनने वाले छुट्टा पशुओं के लिए पशु आश्रय गृह में धनराशि व जमीन बाधा बनी हुई है.

चिरईगांव विकास खण्ड में 94 ग्राम पंचायते हैं। जहां तक ब्लाक के एक मात्र गांव छाही में पशु आश्रय स्थल पर काम लग पाया है वहाँ भी बीते चार माह से नींव खोदने के बाद से धनाभाव के कारण काम बंद पड़ा है। हालांकि मुस्तफाबाद में भी जमीन चिन्हित कर लिया है लेकिन डाब क्षेत्र होने के कारण वहां पशु आश्रय गृह बनाना मुश्किल है बीते सप्ताह जिला प्रशासन ने इस समस्या को गम्भीरता से लेते हुए खण्ड विकास अधिकारी चिरईगांव विजय कुमार अस्थाना को जाल्हूपुर मोकलपुर नवापुरा सथवां जयरामपुर सहित लगभग क ई गांवों में पशु आश्रय चिन्हित कर निर्माण कराने के निर्देश दिए हैं।

इस बात बीडीओ विजय कुमार अस्थाना ने बताया की छाही गांव में धनाभाव के कारण काम रुका हुआ था। अब बजट आ गया है जल्द ही छाही में पशु आश्रय गृह तैयार हो जाएगा।और चिन्हित गांवों में उपजिलाधिकारी सदर ने सम्बंधित गांवों के राजस्व कर्मियों को पशु आश्रय गृह निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराने में सहयोग करने का निर्देश दिए हैं। आज हमारी बात कुछ लेखपालों से हुई है। उनका कहना है कि जमीन उपलब्ध होते ही पशु आश्रय गृह निर्माण कराया जाएगा लेकिन इससे केवल किसानों का नुकसान हो रहा है ओर उनकी फसल बरबाद हो रही है।

– रिपोर्टर अनामिका सोनकर द्वारा लिखित