गांव की सुलोचना राजभर कहती हैं, “गांव में बारात घर न बने होने की वजह से गेहूं की कटाई का इंतज़ार रहता है। पूरे गांव के लोग सिर्फ अप्रैल-मई के महीने में ही शादी कर पाते हैं। हम चाह कर भी नवंबर-दिसम्बर या फरवरी में शादी नहीं कर सकतें क्योंकि जगह नहीं है।”
अंबेडकर नगर जिले में आने वाला बैरमपुर गांव नगरपालिका से जुड़ा हुआ है। इसके बावजूद भी गाँव में किसी भी तरह का विकास देखने को नहीं मिलता। गांव की आबादी लगभग दो हज़ार की है। खबर लहरिया को यहां के लोगों ने बताया कि गांव में न तो नाली के निकासी की सुविधा है, न पक्के सड़कों का निर्माण हुआ है, लोगों के पास आवास नहीं है, बारात घर नहीं है, खंभे लगे हैं पर बिजली नहीं है, टोटी है पर उसमें पानी नहीं आता।
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पानी निकासी है सबसे बड़ी परेशानी
संगीता राजभर जो बैरमपुर गांव में ही रहती हैं, उन्होंने खबर लहरिया को बताया,”जल निकासी की इतनी बड़ी दिक्कत है हम क्या ही बताएं। नाली नहीं बनी है जिसकी वजह से हम लोग अपने घरों के सामने इतने बड़े-बड़े गड्ढे खोदे हैं जिसमें नहाने का पानी, बर्तन धोने का पानी जाता है। अगर हम पानी किसी के खेतों में भी गिरा दे तो उनकी तरफ से झगड़ा होता है। इससे अच्छा कि हम अपने घरों के सामने गड्ढे खोदते हैं ताकि उसमें पानी जाए। यह मेरा ही नहीं है इस गांव में जितने भी घर हैं, राजभर जाति के सभी लोगों की यही हालत है। कहने को सिर्फ हमारा गांव नगर पालिका में लगता है।”
शादी हेतु धान कटने का इंतज़ार करते हैं लोग
गांव की सुलोचना राजभर कहती हैं, “गांव में बारात घर न बने होने की वजह से गेहूं की कटाई का इंतज़ार रहता है। पूरे गांव के लोग सिर्फ अप्रैल-मई के महीने में ही शादी कर पाते हैं। हम चाह कर भी नवंबर-दिसम्बर या फरवरी में शादी नहीं कर सकतें क्योंकि जगह नहीं है। बाराती को हम कहां रोकेंगे। न सड़क है, न कोई अच्छी सुविधा है।”
विकास से जुड़ी परेशानियों की खबर नहीं – चेयरमैन
जब खबर लहरिया ने यहां की चेयरमैन/ चेयरवुमेन सरिता गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें समस्या को लेकर कोई जानकारी नहीं है। वहीं बैरमपुर के बगल के कई गांवो में विकास किया गया है। जो लोगों द्वारा उन्हें बताया जाता है, वह उसे ज़रूर से करती हैं। अगर गांव में नाली, शौचालय, सड़क आदि की दिक्कत है तो वह इसे सुधारने की कोशिश करेंगी। साथ ही आगे यह भी कहा कि, “मुझे अभी तक किसी सभासद ने इसके बारे में सूचना नहीं दी, नहीं तो अब तक विकास हो जाता।” अब समस्या को जानने के बाद लोगों की समस्याओं के समाधान में कितना समय लगता है, यह आने वाले समय में ही मालूम हो पाएगा।
इस खबर की रिपोर्टिंग कुमकुम यादव द्वारा की गयी है।
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