पूरा देश आज यानी 14 अप्रैल को संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्मदिन मना रहा है। एक साधारण से दलित परिवार में पैदा हुए बाबा साहब ने भारत को प्रगति के पथ पर लाने के लिए जो योगदान दिया है, उसकी कोई कीमत नहीं है। देश को आज़ादी दिलाने के दौरान दलितों, अल्पसंख्यकों की एक मात्र आवाज़ बने बाबा साहब की नीतियां आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।
लेकिन आज भी कुछ ऐसे भी लोग मौजूद हैं जो बाबा साहब की छवि को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। उनको लगता है कि बाबा साहब की मूर्तियों को तोड़कर वो खुद को संतुष्टि दे देते हों लेकिन जब जब देश के किसी भी कोने में भेदभाव की चिंगारी लगेगी तब तब बाबा साहब के संघर्ष और योगदान को पूरा भारत करेगा।
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जिला अयोध्या के गांव अमसिन में बसे दलित परिवारों ने कुछ सालों पहले अपने गाँव में बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ती स्थापित करवाई थी। लकिन ग्रामीणों का कहना है कुछ विपक्षी पार्टी के नेताओं ने रातों-रात मूर्ति को खंडित किया। जिसके बाद गाँव के लोगों ने प्रदर्शन भी किया। लोगों ने बताया कि प्रदर्शन के बाद ज़िले के एस डी एम और डी एम गाँव आए और मुआयना किया। उन्होंने उसके बाद मूर्ती की मरम्मत तो करवा दी, लेकिन गाँव में आए दिन बाबा साहब, बुद्ध आदि की मूर्तियों के खंडित होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
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उधर अंबेडकर नगर के अकबरपुर गाँव में भी कई साल पहले बाबा साहब की मूर्ती तोड़ी गई थी, लेकिन फिर ग्रामीणों ने खुद ही पैसे जोड़ कर इस मूर्ती की मरम्मत कराई। आज भी यहाँ पर प्रशासन की तरफ से बाबा साहब की मूर्ती को ठीक कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।