उत्तर-प्रदेश और मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही है। खाद के लिए किसान समितियों के चक्कर लगा रहे हैं जबकि जिम्मेदार लगातार यही दावा कर रहे हैं कि जिले में खाद की कोई किल्लत नहीं है।
खाद के लिए इस कदर मारामारी है कि लोग दिन भर लाइन लग रहे हैं। अभी इस समय रवि खेती का मौसम चल रहा है लेकिन किसान खाद के लिए खाद सेंटर पर चार पांच दिन से चक्कर काट रहे हैं मगर फिर भी खाद नहीं मिल पा रही है। मामला टीकमगढ़ जिले के ब्लॉक पलेरा का है।
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गांव लहर बुजुर्ग के किसान को रामगोपाल कुशवाहा ने बताया है कि हम तीन दिन से बराबर आ रहे आश्वासन हर रोज मिलता है कि कल आना लेकिन अभी तक नहीं खाद मिल पा रहा है। जब हम लोग वहां पर बात करते हैं तो गलत तरीके से बात करते हैं। गाली गलौज भी यहां लाइन में लगे लगे घर ऐसे ही वापस लौट जाते हैं।
पलेरा के रहने वाले रामेश्वर ने बताया कि हम जब खाद की माँगने की कहते हैं तो वह कहते हैं कि अपने पिता तो को लाओ और हमारे पिताजी बहुत बीमार है। खाना पीना भी छोड़ दिया है उनको कैसे लाये, और हमारे पूरे खेत सूख चुके अब फिर भी दूसरा सिंचाई करेंगे क्योंकि हम किसान है और खेती के सहारे से रहते हैं हम तो बहुत परेशान हैं।
गांव सेपुरा की रहने वाली गुल्लन बाई कहती हैं कि यहां पर भीड़ इतनी ज्यादा है कि हम तो लाइन में से गिर गये फिर भी खाद नहीं मिल पा रहा है। खेती करने के लिए खाद बहुत जरूरी है बहुत परेशान हैं।
मनीष ओझा पद हैल्पर खाद सेंटर पलेरा ने बताया कि अभी तीन दिन पहले डीएपी उपलब्ध हुई है और एकदम किसानों की मांग बढ़ी है। उनका कहना है कि वह शाम 5 बजे तक खाद वितरण कर रहे हैं और कोशिश में हैं कि हर एक किसानों को खाद मिल पाए। मशीनीकरण की प्रक्रिया है इस वजह से समय लग रहा है और किसान परेशान हो रहे हैं।
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