लॉकडाउन में फसने पर लोगों ने खबर लहरिया से फोन पर लगाई खुद को बचाने की गुहार :लॉकडाउन की घोषणा के बाद देशभर से लाखों की संख्या में लोगों का पलायन हुआ है इसके बाद से अफरा- तफरी का माहौल है उत्तर-प्रदेश सरकार ने इसके लिए जो जहाँ है उसे वहीं रोकने का आदेश जारी किया है, कई शहरों में आपातकालीन क़्वारंटाइन केंद्र(छूतरोग से पीड़ित व्यक्तियों को अलग रखने का प्रबंध।) बनाये गये हैं जहाँ मजदूरों को रखा गया है।
ऐसी ही बाँदा जिले के गुड़साने रामा इंटर कॉलेज शादीमदनपुर इंटर कालेज में बंद एक मजदूर जो काफी घबराया हुआ था जिनका नाम शिवदर्शन है और वह
ग्रामपंचायत नरी, गांव लुकतरा, जिला बाँदा के रहने वाले हैं। उनका खबर लहरिया को फोन आता है और उन्होंने कुछ इस तरह अपनी आपबीती बताई।
मैडम! दोपहर के ढाई- तीन बजे चुके हैं अभी खाना मिला है वह बजी सूखा चावल। यहां छोटे-छोटे बच्चे हैं खाने के लिए रो रहे हैं न ये जाने देते हैं कोई व्यवस्था करते हैं। कोई सुनवाई नहीं कर रहा। हमसे यही बोला जाता है कल छोड़ दिया जायेगा परसों छोड़ दिया जायेगा पर नहीं छोड़ रहे। हमारे पूरी चेकिंग भी हो गई है तब भी हमें बंद करके रखा गया है। हम हरियाणा में थे पैदल यात्रा करके आये लगभग 100 लोग हैं। हमीरपुर से बस मिली बाँदा से तो बस से आये और पुलिस वाले ही बैठाए थे कि बाँदा जा रही बैठ जाओ और इसमें उन सबकी साजिश थी, जसपुरा थाने में लाकर 10 बजे से 12 बजे तक बस खड़ी करा लिया। फिर वहाँ चेकिंग की और बोले हैम आपको बाँदा पहुंचा रहे बस में बैठ जाओ। जब हम सब बैठ गए तो जसपुरा और चिल्ला थाने के एसओ ने आपस में बात की और पलरा, दोहतरा, चिल्ला से होते हुए गुडसाने इंटर कालेज के अन्दर 1 बजे रात में बंद कर दिया। और 3 दिन हो गये हमें छोड़ा नहीं गया। और यहां का प्रधान शिवषाद अली मारता भी है, बात – बात में गुस्सा होता है। मैडम कुछ गलती करें तो शासन-प्रशासन मार सकता है लेकिन प्रधान नहीं। यहां नींद नहीं आती न खाने की व्यवस्था न पीने की, न ओढ़ने बिछाने की। यहां कोई मीडिया नहीं आती है इसलिए यहाँ जंगल मे रखा गया है। प्लीज़ हमें यहां से निकालिए।