सड़क सुरक्षा सप्ताह में लगातार बढ़ रहे हादसे
सड़क सुरक्षा सप्ताह इस बार सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के इरादे से इस साल भी नवंबर महीने में बतौरबाँदा : रोडवेज बस का हुआ एक्सीडेंट, कई की गई जान मनाया जा रहा है। इस पूरे महीने रोज चेकिंग अभियान चलाकर लोगों में यातायात के नियमों के प्रति जागरूकता लाने की कोशिश हो रही है। लेकिन एक्सीडेंट की घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
इस प्रकार की हालत देख क्र समझ नही आता सड़क सुरक्षा है या कुछ और
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बुधवार रात (27 नवम्बर) को बस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई। जयपुर से बिहार जा रही डबल डेकर बस कन्नौज में पहिया फटने से अनियंत्रित होकर पलट गई। दुर्घटना में चार यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 50-60 लोग घायल हो गए। सभी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
बताया जा रहा है कि जयपुर में रहकर काम करने वाले बिहार के अलग-अलग जिलों के लोग घर लौट रहे थे। इनमें ज्यादातर दरभंगा, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के हैं। यात्रियों के मुताबिक तिर्वा के पास अचानक धमाका सा हुआ और बस पलट गई। नींद ले रहे मुसाफिरों में चीख-पुकार मच गई। बस के पलटने से यात्री फंस गए।
जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान चार लोगों की दबकर मौत हो चुकी थी। क्रेन से बस को सीधा किया गया। मरने वालों में दो महिलाएं भी शामिल हैं, हालांकि अभी तक किसी की शिनाख्त नहीं हो सकी है। ये सीतामढ़ी के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
4 dead and several injured after the bus they were travelling in met with an accident on Agra-Lucknow Expressway in Kannauj. pic.twitter.com/We8VpiDMVV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 27, 2019
लगातार हो रही घटनाओं से समझ में आता है की यातायात माह में अब तक केवल चालान पर ही जोर दिया जा रहा है जहाँ देखो वहीँ पुलिस चालान काटने पर जुटी होती है। और इस जनता को क्या कहें चाहे जान जोखिम में पड़ जाए, बार-बार चालान कटने से हजारों रुपये जुर्माना भरना पड़े मगर लोग ट्रैफिक नियमों को तोड़ने से बाज नहीं आएंगे।
पुलिस गाड़ियां रोककर चेकिंग करती है तो लोग बिना जुर्माना वसूले छोड़ने के लिए हाथ जोड़ते या फिर धौंस जमाने लगते हैं जबकि जरूरत सभ्य और जिम्मेदार नागरिक बनकर नियमों का पालन करने की है। ये भी वजह है की दिन प्रतिदिन घटनाएँ बढती जा रही हैं।
ऐसा ही हादसा 25 नवम्बर को बांदा जिला के तिंदवारी क्षेत्र में सैमरी नाला के पास रोडवेज बस और ट्रक के जोरदार टक्कर से हुआ जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई।
कई लोग घायल हैं ऐसे हादसे को देखकर सुनकर दिल दहल जाता है ऐसा लगता है कि हम कहीं पर भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि ये जो इतना बड़ा हादसा हुआ वो सरासर परिवहन विभाग की लापरवाही की वजह से हुआ, क्योंकि रोडवेज बस में जहां पर ब्रेक लगाने की जगह होती है वहां पर ड्राईवर नौ ईटे लगा रखा था।
इससे साफ पता चलता है की इससे खतरा हो सकता है फिर भी क्यों नहीं प्रशासन जागता? ब्रेक के पास लगी ईंटों की वजह से जल्दी ब्रेक नहीं लग पाया और ट्रक बस को चीरते हुए निकल गया इससे तीन सीटर वाली सीटों में बैठी सारी सवारियों को भी कतर डाला बस का आधा ढांचा ही बचा देखते ही देखते सैमरी की सड़क खून से रंग गयी सभी का सुखद और मंगलमय सफर मातम में बदल गया।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस महीने 2018 का रोड एक्सीडेंट का रिपोर्ट निकाला है जिसमें 2018 में पूरे भारत में रोड एक्सीडेंट से 1,51,417 मौत हुई है। और उत्तर-प्रदेश में 22,256 मौत हुई है। इन आंकड़ो को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है की परिवहन विभाग कितना जिम्मेदार है।