गोरखपुर में भारी मात्रा में चमगादड़ों की मौत से मचा हड़कंप :कोरोना के कोहराम के बीच उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक अजीबो गरीब घटना सामने आई है। गोरखपुर शहर के ग्रामीण क्षेत्र खजनी रेंज के बेलघाट गांव में कई चमगादड़ मृत पाए गए हैं। एक बाग में मरे मिले इन चमगादड़ों की संख्या 300 से अधिक है। अचानक बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत से ग्रामीणों से लेकर शहर तक में दहशत फैल गई है । चमगादड़ों के मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। देश भर में कोरोना की दहशत कायम है, लोगों ने इस वायरस को लेकर पहले भी चमगादड़ों की भूमिका के बारे में काफी सुन रखा है। ऐसे में शहर में लोगों में किसी अनजान वायरस का भय समा गया है।
ऐसी खबर आ रही है कि कई जमीन पर तड़प रहे थे तो कई लोगों की आंखों के सामने ही जमीन पर गिर रहे थे। ये सारे मंजर आँखों के सामने होता देख लोग हैरान हैं। पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई। पुलिस और वन विभाग की टीम घटना की जांच कर रही है। दूसरा इसी पड़ोस के गोला इलाके के गोपलापुर से चमगादड़ों के मरने की खबर आ गई। वहां पर यूकेलिप्टस के पेड़ों पर रह रहे करीब 250 चमगादड़ मरे मिले। हालांकि वहां पर दो दिनों से यह सिलसिला चल रहा है।
पंजाब केसरी अखबार में छपी खबर के मुताबिक बेलघाट के पंकज शाही ने बताया कि मैंने अपने आम के पेड़ के बगीचे में सुबह देखा तो कई सारे चमगादड़ मरे पड़े दिखे, उन्होंने कहा की मेरे बाग़ से सटा हुआ एक और बाग़ है उस बाग़ में भी बहुत सारे चमगादड़ मरे पड़े हैंलोगों का कहना है इससे पहले इतनी ज्यादा मात्रा में कभी मौते नहीं हुई है अधिकारी भी अभी कुछ बोल पाने में असमर्थ हैं
लोगों ने कहा कि उन्हें डर है कि कहीं किसी वायरस के कारण तो चमगादड़ों की मौत नहीं हुई। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि चमगादड़ों के मरने के बाद कहीं कोई वायरस न फैल जाए। कुछ लोगों का कहना है कि किसी अनजान वायरस से चमगादड़ों की मौत हुई है। तरह – तरह के सवाल लोगों के मन में उमड़ रहे हैं । उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि तेज धूप और गर्मी से चमगादड़ों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि बाग के आसपास तालाब और पानी के सारे श्रोत सूखे हुए हैं। शायद चमगादड़ों को पानी न मिला हो इसलिए उन्होंने दम तोड़ दिया हो। हालांकि उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।