आज की वीडियो आपको बहुत पसंद आएगी क्योंकि आज हम आपको 90s के उस सफर में ले जाएंगे जब टीवी का बहुत क्रेज था। और देखने को सौ चैनल नहीं जब एक दूरदर्शन या गिने चुने और भी सीरियल हुआ करते थे। मजे की बात तो यह थी की लोग एक साथ बैठकर देखा करते थे लेकिन अब टीवी और लोग भी अकेले हो गए हैं।
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मुझे याद है बचपन में मेरे गांव में परदे वाली टीबी जिसको लोग परदहिया टीबी भी कहते थे वो लगी थी। फिल्म बैरी कगना लगने वाली थी। दूर -दूर तक कई गाँवों में शोर हो गया था। गांव में पेड़ के नीचे फिल्म शुरू हुई इतनी भीड़ की बैठने की जगह नहीं थी। जैसे रामलीला होता है एक घंटा पहले लोग अपनी जगह ढूढ़कर बैठ जाते हैं वैसे ही सब पहले से बैठ गए थे।
एक वो जमाना था एक यह जमाना है की लोग एक दूसरे के साथ बैठकर देखना पसंद नहीं करते, कहो भी तो कहते हैं अपने फोन में देखो, अरे नेट नहीं है तो हॉटस्पॉट शेयर कर दूँ। इतना बदलाव हो गया है।
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