भिंडरावाले कट्टरपंथी सिख संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था। जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वह अपने साथियों के साथ मारा गया था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं वर्षगांठ पर आज मंगलवार को पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कुछ लोगों द्वारा भिंडरावाले के पोस्टर के साथ खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए, एएनआई ने इस बात की जानकारी दी। ( यहां देखें नारा लगाने का वीडियो)
प्रदर्शनकारियों ने मारे गए अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर हाथों में लिए हुए थे।
भिंडरावाले कट्टरपंथी सिख संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था। जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वह अपने साथियों के साथ मारा गया था।
ये भी पढ़ें – भारत में होने वाले ट्रेन हादसों की जानें वजह, ज़िम्मेदार कौन?
स्वर्ण मंदिर व शहर में बढ़ाई गई सुरक्षा
ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी को देखते हुए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और शहर भर में सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी। डीसीपी (कानून व्यवस्था) परमिंदर सिंह भंडाल ने कहा कि सादी वर्दी में पुलिस भी तैनात की गई है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर को सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि शहर के अलग-अलग स्थानों पर पर्याप्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) अर्पित शुक्ला ने कहा कि पूरे पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों को भी तैनात किया गया है। “मैं लोगों से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
इंदिरा गांधी ने शुरू किया ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार
6 जून, 1984 उस दिन के रूप में जाना जाता है जब पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में सिख उग्रवाद को रोकने के लिए तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर पर धावा बोल दिया था। बताया गया कि भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर परिसर में बड़ी मात्रा में हथियार जमा किए हुए थे। ऑपरेशन की जमकर आलोचना हुई थी। महीनों बाद, इंदिरा गांधी की उनके ही दो सिख अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर, 1984 को उनके नई दिल्ली आवास पर हत्या कर दी थी।
ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार में मारे गए इतने लोग
ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान काफी खून-खराबा भी हुआ। अकाल तख्त पूरी तरह से बर्बाद हो गया। स्वर्ण मंदिर पर गोलियां चलाई गईं। भारत सरकार के श्वेतपत्र के अनुसार इस ऑपरेशन में 83 सैनिक शहीद और 249 घायल हुए। वहीं 493 लोगों की भी मौत हुई व 86 लोग घायल हुए लेकिन इन सब आंकड़ों को लेकर अब तक विवाद चल रहा है।
ये भी देखें – निवाड़ी: एक ऐसा गांव जहां 39 सालों से कोई केस नहीं गया थाने
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’