खबर लहरिया Blog बांदा डिपो से पन्ना जाने वाली 3 रोडवेज़ बसें हुई बंद, जानें वजह

बांदा डिपो से पन्ना जाने वाली 3 रोडवेज़ बसें हुई बंद, जानें वजह

परिवहन निगम के बांदा बस डिपो से इस रुट पर पांच बसें चला करती थीं जिसमें से अब तीन बसें बंद कर दी गई हैं। इसके फायदा अब प्राइवेट व अन्य वाहनों द्वारा उठाया जा रहा है।

3 roadways buses going from Banda depot to Panna district stopped, know the reason

                                                                                                                             बांदा बस डिपो की फोटो

Banda Roadway। बांदा जिले के नरैनी कस्बे से पन्ना जिले की ओर जाने वाली परिवहन विभाग की 3 बसें कई महीनों से बंद है। इसका कारण परिवहन विभाग को हो रहा घाटा बताया गया। ये बसें नरैनी कस्बे से सटे सीमावर्ती मध्य प्रदेश के हीरा नगरी पन्ना जाने वाली बसें हैं। यात्रियों ने बताया कि बसों के बंद हो जाने की वजह से उन्हें बेहद असुविधा हो रही है।

बता दें, पन्ना जिला पर्यटन व हीरा खदान के लिए काफी मशहूर है। पन्ना जाने के मार्ग में अजयगढ़ का किला पड़ता है जिसे राजाओं का गढ़ माना जाता है। इसके लिए रोज़ाना बांदा जिले व आस-पास के पड़ोसी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग यात्रा करते हैं।

परिवहन निगम के बांदा बस डिपो से इस रुट पर पांच बसें चला करती थीं जिसमें से अब तीन बसें बंद कर दी गई हैं। इसके फायदा अब प्राइवेट व अन्य वाहनों द्वारा उठाया जा रहा है। इसका परिणाम यह है कि अब लोगों को रोडवेज़ बसों से अधिक किराया देकर यात्रा करना पड़ रहा है।

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घाटे के कारण बंद की गई बसें

परिवहन विभाग के एआरएम (सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक) लक्ष्मण सिंह ने बताया कि कुछ रूट निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहे हैं। बांदा से पन्ना रूट पर पर्याप्त यात्री न मिलने से 15 से 20 फीसदी घाटा हो रहा है। इस घाटे की वजह भी डग्गामार वाहन हैं क्योंकि उस रोड पर बहुत ज़्यादा प्राइवेट बसें चलती हैं। पर्याप्त खर्च न निकल पाने की वजह से उस रूट की तीन बसें बंद की गई हैं व दो बसें अभी भी चल रही हैं।

बता दें, चल रहीं बसें भी सिर्फ अजयगढ़ तक ही जाती हैं व पन्ना के लिए कोई बस नहीं है।

पन्ना जानें वाली बसों का यह था समय

बांदा से पन्ना चलने वाली बसें जो इस समय बंद हैं, पहले वह इस समय पर चला करती थीं –

– पहली बस : सुबह: 5:30 बजे बांदा से
– दूसरी बस : सुबह 8:30 बजे
– तीसरी बस : सुबह 11:00 बजे

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बस बंद होने से यात्रियों को देना पड़ रहा अधिक किराया

बसों के बंद हो जाने को लेकर खबर लहरिया ने यात्रियों से बात की। अजयगढ़ की रहने वाली पिंकी बताती हैं, बांदा जिले में उनका मायका है और ससुराल अजयगढ़ में है। वह हमेशा अजयगढ़ से बांदा रोडवेज बस से आती थीं क्योंकि प्राइवेट बस वाले ठूस-ठूस कर भूसे की तरह सवारियों को भरते हैं। बैठने की जगह नहीं मिलती। ऊपर से सामान भरा होता है। प्राइवेट से आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है। जब भी कभी प्राइवेट में जाती थी, बीमार हो जाती थी। उन्हें इस रुट से आते-जाते 10 साल हो गए हैं।

आगे बताया, एक महीने से ज़्यादा से बस बंद चल रही है। त्यौहार के समय जब उन्हें मायके जाना था तो उन्हें पता चला कि बसे ही नहीं हैं।

नरैनी कस्बे के रहने वाले श्याम सुंदर भी व्यापार के चलते नरैनी और पन्ना के बीच सफर करते हैं। सुबह साढ़े 7 बजे उन्हें नरैनी से बस मिल जाती थी और 10 बजे पहुंच वह मार्केट करके 2 बजे की बांदा वाली बस पकड़ लेते थे। जबसे से बस बंद हुई है उन्हें अग्रोहा से साढ़े 6 बजे की बस पकड़नी पड़ती है जो चित्रकूट से चलकर आती है। यह बस इतनी ज़्यादा भरी होती है कि ऊपर से नीचे तक हर जगह सामान ठूसा हुआ नज़र आता है। जब बस घाटी पर चढ़ती है तो डर भी लगता है पर वह भी रोज़ी-रोटी के लिए मज़बूर हैं। उनकी यही मांग है कि बसों को दोबारा से चालू किया जाए।

एआरएम पर बस चालक ने लगाया मनमानी का आरोप

बांदा से पन्ना के बस चालक राहुल ने खबर लहरिया को बताया कि उस रुट पर पांच बसों के लिए परमिट है। हर महीने रॉयल्टी भी जमा होती है और इस रुट से अच्छी-खासी सवारियां भी मिलती थी। आरोप लगाते हुए कहा कि एआरएम की मनमानी के चलते बसें बंद कर दी हैं और अब डिपो से बस दो बसों को उस रुट पर ले जाने की अनुमति है। अब इसमें कंडक्टर क्या कर सकता है। जब परिवहन विभाग से इज़ाज़त मिलेगी यो बस चालू होंगी।

यहां एआरएम की बात सही मानी जाए या फिर बस चालक और लोगों की, लेकिन इसमें यह बात तो साफ़ है कि परिवहन विभाग द्वारा चाहें जो भी वजह दी गई हो, इसका भुगतान लोगों को ही करना पड़ रहा है। दैनिक यात्री हर रोज़ प्राइवेट बसों का किराया नहीं उठा सकते। रोडवेज़ बसे लोगों के लिए सहूलियत थी जहां वह अधिक किराया न देकर अपनी मंज़िल तक पहुंच जाते थे। इस मामले को दोबारा गौर से देखने और विचार-विमर्श करने की ज़रूरत है क्योंकि यह समस्या लोगों के दैनिक जीवन व उनकी रोज़ी-रोटी से जुड़ी हुई है, जिसमें अगर कोई अड़चन है तो विभाग को उसका समाधान जनता को ध्यान में रखकर करना ज़रूरी है।

इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गई है। 

 

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