उत्तर प्रदेश में आज फिर से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। जिला उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र स्थित एक खेत में 3 लड़कियां दुपट्टे से बंधी हुई मिली हैं। जब आसपास के गाँव वालों ने लड़कियों को देखा, तब उनके मुंह से झाग निकल रहा था। तीनों लड़कियों को तुरंत ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ दो लोगों की मौत हो गयी। तीसरी लड़की की हालत गंभीर है।
मुंह से निकल रहा था झाग-
तीन लड़कियां जिनकी उम्र तकरीबन 13, 16 और 17 साल बताई जा रही है उन्हें उन्नाव के असोहा थाना छेत्र के बबुरहा गाँव में पाया गया। पुलिस का कहना है कि तीनों लड़कियों के हाँथ–पैर आपस में दुपट्टे से बंधे हुए थे, और तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था।
मवेशियों के लिए चारा लेने निकली थी एक लड़की-
16 वर्षीय लड़की के भाई ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया है कि उसकी बहन 17 फरवरी दिन बुधवार को दोपहर 2 बजे के आसपास घर से मवेशियों के लिए चारा लेने निकली थी। फिर जब उसे वापस लौटने में देर होने लगी तब शाम को उसका भाई उसे ढूंढने के लिए निकला। बहुत ढूंढने के बाद उसने अपनी बहन कोमल (16) पुत्री संतोष, काजल (13) पुत्री सूरज और प्रिया (बदला हुआ नाम) (17) को गंभीर अवस्था में बबुरहा गाँव के एक खेत में पाया। तीनो लड़कियों को शीघ्रता से सामुदायिक स्वास्थय केंद्र ले जाया गया, जहाँ दो लड़कियों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है।
बताते चलें कि प्रिया की हालत अभी बहुत गंभीर बताई जा रही है। लड़की की हालत देखते हुए जिला अस्पताल, उन्नाव के डॉक्टरों ने उसे कानपुर स्थित रीजेंसी अस्पताल रिफर कर दिया है।
3 girls were found lying unconscious in their own farm in Asoha, Unnao Dist, today. 2 girls died at the hospital, one referred to District Hospital. As per initial info, the girls had gone to cut grass. The doctor states that there are symptoms of poisoning; probe on: SP Unnao pic.twitter.com/IJO4L7GtUk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 17, 2021
शरीर पर किसी भी प्रकार के निशान नहीं-
घटना की खबर मिलते ही लखनऊ से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत आई जी रैंक के पुलिस अफसर भी घटना स्थल पर पहुंचे। उन्नाव के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी का कहना है कि जब वे मौका ए वारदात पर पहुंचे, तब लड़कियां बंधी हुई नहीं थी और उनपर किसी भी प्रकार के निशान भी नहीं पाए गए।
लखनऊ रेंज की पुलिस महानिरीक्षक, लक्ष्मी सिंह भी जानकारी मिलते ही घटना स्थल पर पहुंची। उनका कहना है कि पुलिस अभी इस पूरे मामले से जुडी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि तीनों लड़कियों के कपडे बिलकुल भी फटे हुए नहीं थे, जिससे कहा नहीं जा सकता कि ये बलात्कार का मामला है या नहीं। पुलिस को आशंका है कि ये ज़हर खाने का मामला है। और सही जानकारी तभी मिल पाएगी जब दोनों मृत लड़कियों की शव परीक्षण रिपोर्ट्स आएँगी।
बताते चलें कि लड़कियों के परिवार वालों ने बताया कि उनका किसी से झगड़ा नहीं है जो वो किसी पे शक कर सकें। और लड़कियों के परिवार ने अभी तक किसी पर आरोप नहीं लगाया है।
ज़िंदा लड़की का पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है दिमाग-
सामुदायिक स्वास्थय केंद्र के डॉक्टर का कहना है कि जब लड़कियों को अस्पताल लाया गया तब दो लड़कियां तो पहले ही दम तोड़ चुकी थीं। और तीसरी लड़की की आँखों की पुतलियां बाहर को आ रही थीं, साथ ही वो बेहोशी की हालत में थी। डॉक्टर का कहना है कि लड़की का दिमाग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है और उसके बच पाने की उम्मीद बहुत कम है। डॉक्टर का मानना है कि शायद लड़कियों को किसी ने ज़हर देकर मारने की कोशिश की है।
केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है।
लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज़ बनकर खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगे।#Save_Unnao_Ki_Beti
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 18, 2021
देश भर के कई कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर इस मामले की सम्पूर्ण जांच कराने की मांग कर रहे हैं, जिससे घटना के कारण का स्पष्टीकरण हो सके।
जैसा कि हम जानते हैं कि यूपी में क्राइम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। उन्नाव, गोरखपुर, मेरठ जैसे शहर ऐसी वारदातों के कारण सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। आए दिन एक न एक ऐसी वारदात सामने आ जाती है जो हमें उत्तर प्रदेश शासन के प्रबंध और लोगों की मानसिकता पर सवाल उठाने के लिए मजबूर कर देती है। अभी कल ही गोरखपुर की एक घटना सामने आई थी जहां एक युवती के घरवालों ने उसे एक मुस्लिम समुदाय के युवक से प्रेम-सम्बन्ध होने के कारण ज़िंदा जला दिया था। और आज एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन नाबालिग युवतियां एक साथ ज़हर खाने की शिकार हुई हैं।
क्या कारण है कि लड़कियों को अभी भी अपनी भावनाओं को दबाना पड़ रहा है और खुल के सांस लेना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। आखिर कब तक हम महिलाओं के प्रति बढ़ रही हिंसा के साक्षी बनते रहेंगे ? आखिर कब सरकार ऐसे हादसों और वारदातों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी ? आखिर कब?
इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।