महोबा जिला में जा समय डायरिया को प्रकोप फेलत जात हे, पे स्वास्थ्य विभाग रोकथाम करें में असफल नजर आउत हे।
अगर स्वास्थ्य विभाग के व्यवस्था के बात करी जाय तो ऊ अपने केती से बीमारी से निपटे के पूरी व्यवस्था करे हे। जेसे डाक्टरन के खास टीम जोन सूचना के मिलतई गांव में ही जा के इलाज करत हे। डी.डी.टी. ओर ब्लीचिंग पाउडर को छिड़काव गांव-गांव में पियें वाले पानी ओर नालियन में होहे। छिड़काव करें के रिपोर्ट ए.एन.एम प्रधान खे देहे, ओर प्रधान ऊ रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग तक पोंहचाहे।
अगर देखो जाय तो छिड़काव करे वालो काम आज तक कोनऊ भी गांव में होत नई देखो हे। एक गांव से दूसर गांव में बीमारी फेले को कारन गांव में फेली गन्दगी हे। नाली कूड़ा से भरी बजबजात हें। कच्चे रास्तन में पानी भरो हे। जा पानी ओर गन्दगी से मच्छर फेलत हें। जोन डायरिया जेसी बीमारी खा जनम देत हें। जा हालत में अगर डी.डी.टी ओर ब्लीचिंग पाउडर को छिड़काव हो जाय तो बीमारी फेलें से राहत मिल सके। ईखो ताजा उदाहरण कबरई ब्लाक को मकरबई गांव हे। ऊ गांव के कुआं को गन्दो पानी पी के सैकड़न आदमी डायरिया से बीमार हो गये हें।
स्वास्थ्य विभाग के खास टीम बीमारी फेलें के बाद ही गांव जा के इलाज करत हे। जभे कि स्वास्थ्य विभाग का डी.डी.टी ओर ब्लीचिंग पाउडर को छिड़काव कराये ओर साफ सफाई में ज्यादा ध्यान दें खे चाही। अगर इत्ती व्यवस्था करें के बाद भी बीमारी में काबू नई पाओ जात आय तो स्वास्थ्य विभाग ओर व्यवस्था काये नई करत आय? जा फिर विभाग के एते सिर्फ एई उपाय हे?
हो जाय छिड़काव तो बीमारी से होय बचाव
पिछला लेख