नई दिल्ली। अमेरिकी लेखिका वेंडी डोनिगर की किताब ‘द हिन्दू, एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ (हिंदू – एक वैकल्पिक इतिहास) अब बाज़ार में कहीं नहीं मिलेगी। कारण – किताब के प्रकाशक पेंगुइन इंडिया ने किताब की सभी प्रतियों को वापस लेकर इन्हें छह महीने के अंदर नष्ट करने का फैसला किया है।
हिंदूवादी संगठन ‘शिक्षा बचाओ आंदोलन’ के अनुसार 2009 में छपी यह किताब हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है। उन्होंने किताब के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की थी। पेंगुइन इंडिया ने अदालत के साथ समझौता करते हुए किताब की सभी प्रतियों को दुकानों से वापस लेने का निर्णय लिया।
शिक्षा बचाओ आंदोलन ने कहा कि वे इस फैसले से खुश हैं। उधर केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि किताब आपत्तिजनक नहीं है और यह फैसला गलत है। यदि किताब पसंद नहीं है रोक लगवाने की जगह एक दूसरी किताब लिखकर अपनी राय जतानी चाहिए।
दिलचस्प बात यह है कि किताब पर इतनी चर्चा के बाद अब इसकी प्रतियां धड़ल्ले से लोग इंटरनेट के ज़रिए डाउनलोड कर रहे हैं और इसे पढ़ रहे हैं। किताब की लेखिका वेंडी डोनिगर का कहना है कि इंटररनेट के इस दौर में किसी किताब को दबा देना सम्भव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुस्तान में लोगों के बोलने की आज़ादी और अपनी राय जताने की आज़ादी पर पाबंदी लग रही है और यह चिंता की बात है।