जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, कस्बा रैपुरा। हिंया प्राथमिक स्कूल का खाना मीनू के हिसाब से बनत हवै।
खबर लहरिया पत्रकार सोमवार 11 नवम्बर 2013 का देखिन तौ पन्द्रह किलो आटा की रोटी अउर सब्जी बनी रहै। कुल बच्चा दो सौ बीस रहैं। खाना बनाय वाली चैबी, सुकरी अउर रनुवा इनकर कहब हवै कि हमका बराबर राशन मिलत हवै तौ खाना बनावै मा कउनौ परेशानी नहीं होत आय। यहै से मीनू के हिसाब से खाना बनत हवैं अउर सबै बच्चा नींक से खात हवै। अगर खाना बचगा तौ हमहूं खाय लेइत हन। अउर गांव के दुइ बेसहारा बूढ़ बाबा खाना लई जात हवंै।
हेडमास्टर सहनाज बानो का कहब हवै कि खाना रोज मीनू के अनुसार बनत हवै। कत्तौ भी विभाग के करमचारी जांच करै आ सकत हवैं।
इनतान अगर हर स्कूल मा बच्चन का नींक खाना मिलै तौ बहुतै नींक होइ जायें। अउर स्कूल के मास्टरन का या स्कूल से सीख लें का चाही। बच्चन का मास्टर शिक्षा दइ सकत हवै तौ खाना काहे नहीं नींक खवा सकै आपन तरक्की आपने हाथ हवै। नींक काम करैं से दुनिया मा नाम होत हवै।
हर स्कूल मा होय का चाही यहिनतान
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