खबर लहरिया बाँदा सूखा राहत के मांग खातिर किसान लगावत लेखपाल अउर तहसील के चक्कर

सूखा राहत के मांग खातिर किसान लगावत लेखपाल अउर तहसील के चक्कर

bandakisano-ki-samasya-tahsilo-me-bhidजिला बांदा। हेंया दैवीय आपदा अउर सूखा के मार जेल रहे किसानन का चेक ले खातिर बहुतै मसक्कत उठावैं का परत है। रोज का इं सैकड़न किसानन के जिला स्तर अउर तहसील मा लेखपालन के तलाश करत किसान नजर आवत है, पै उनके समस्यन का समाधान नहीं होत आय।
बड़ोखर ब्लाक के गांव चिल्ली से आई लगभग अस्सी साल के गुजरतिया अउर सोनिया का कहब है कि उंई पन्द्रह दिन से सूखा राहत का चेक पावैं खातिर तहसील मा आ के तलाश करत हैं, पै वा लेखपाल हमै नहीं मिलत आय। यहिसे हम बूढ़ मड़ई परेशान हन।
महुआ ब्लाक, गांव बडोखर बुजूर्ग के किसान बाबूलाल, दयाराम, राम सनेही का कहब है कि हमरे गांव का हल्का लेखपाल सूखा राहत के दूसर चेक नहीं देत आय। चेक मांगै मा घूस लेत है अउर जमीन के हिसाब से चेक भी नहीं देत आय। जेहिसे हम किसानन का तहसील जा के लेखपाल के दसन चक्कर लगावैं का परत हैं। यहिसे हमार रोज का पचास रूपिया किराया भाड़ा खर्च होत है। कबौली गांव के किसान नाजिर अउर अब्दुल खां का कहब है कि हमरे गांव का लेखपाल भैरौं प्रसाद भी बहुतै रूआये है। हम लोग वहिके चक्कर लगा लगा के परेशान हन अउर कइयौ दरकी तहसील मा अधिकारी हमरे सउहें वहिका हड़किन है, पै वा अपने आदत से बाज नहीं आवत आय। कउनौ का ओवर डेट चेक देत है तौ कउनौ के अबै तक चेक ही नहीं मिले आय। इनतान के समस्या से जूझ रहे गरीब किसान अब भुखमरी के कगार मा हैं।
लेखपाल भैरौं प्रसाद का कहब है कि मैं कउनौ का ओवर डेट चेक नहीं दीन आहू। जेतने चेक बने हैं सब बांटत जात हौं। लोग मोरे ऊपर झूठ का आरोप लगावत हैं। यहिके खातिर का करौं।