नई दिल्ली। 24 अप्रैल को देश के सबसे ऊंचे कोर्ट ने फैसला सुनाया कि जो महिला-पुरुष लंबे समय तक बिना शादी किए साथ रहते हैं, उनके बच्चों को कानूनन रूप से जायज़ माना जाएगा।
2013 में मद्रास हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि किसी आदमी और औरत के रिश्ते को सिर्फ इसलिए नाजायज़ नहीं माना जा सकता है क्योंकि उन्होंने पूरी विधि के साथ शादी नहीं की है। दिल्ली के एडवोकेट उदय गुप्ता ने इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके अनुसार हाई कोर्ट का फैसले अपने आप में गलत नहीं है। साथ ही, पति-पत्नी की तरह लंबे समय तक साथ रह रहे आदमी और औरत के बच्चे को नाजायज़ नहीं माना जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया महत्त्वपूर्ण फैसला
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