मुंबई के एक बुजुर्ग दंपति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है। हालांकि, दोनों बुजुर्गों को अभी तक कोई भी स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी नहीं है लेकिन गंभीर रूप से बीमार होने और “समाज में योगदान” देने में सक्षम नहीं होने के डर से उन्होंने यह राष्ट्रपति को पत्र लिखकर यह मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, यह बुजुर्ग दंपति चारनी रोड़ के समीप ठाकुरद्वार में रहते हैं जिसमें 79 वर्षीय ईरावति लवाटे एक रिटायर स्कूल प्रिंसपल हैं तो उनके 86 वर्षीय पति एक पूर्व सरकारी कर्मचारी हैं। दोनों के कोई संतान भी नहीं है।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार, बुजुर्ग ईरावती ने बताया कि हम ने अपनी शादी के पहले साल ही यह फैसला किया था कि अपने बच्चे नहीं करेंगे क्योंकि हम बुढ़ापे में किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं। जिसके बाद अब बुजुर्ग दंपति ने राष्ट्रपति कार्यालय में इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए एक पत्र भेजा है।
बता दें कि भारतीय कानून ऐसी इच्छा मृत्यु की आज्ञा नहीं देता है।
यह पत्र 21 दिंसबर 2017 को लिखा गया है। वहीं इस मामले में बुजु्र्ग लवाटे का कहना है कि अगर राष्ट्रपति को लिखा पत्र संवैधानिक तरह से मौत की सजा को माफ कर सकता है तो ‘मृत्यु के अधिकार’ की अनुमति देने की शक्ति भी होनी चाहिए।