स्वच्छ भारत अभियान आपके फोन और इंटरनेट के बिलों को बढ़ा सकता है। सरकार स्वच्छ भारत अभियान के लिए पैसा जुटाने की खातिर टेलिकाॅम सर्विसेज़ यानी फोन सेवा देने वाली कंपनियों पर एक खास तरह का कर लगा सकती है। इसे सेस या उपकर कहते हैं। किसी खास मकसद के लिए जब किसी सेवा पर कोई कर लगाया जाता है तो इसे सेस या उपकर कहते हैं। यहां स्वच्छ भारत अभियान के लिए तय रकम के पैसों को जुटाने के लिए केंद्र सरकार इस तरह के कर लगाने की तैयारी कर रही है। हालांकि 2015 में स्वच्छ भारत अभियान के दौरान ही कई सेवाओं पर दो प्रतिशत उपकर बढ़ाया गया था। इससे सेवाओं पर कर बढ़कर चैदह प्रतिशत हो गया है।
स्वच्छ भारत अभियान के प्रमुख आंध्र प्रदेश के प्रमुख चंद्र बाबू नायडू ने इसके लिए प्रस्ताव बनाया है। योजना आयोग को खत्म कर बनाए गए नीति आयोग की तरफ से इस प्रस्ताव को लगभग हरी झंडी मिल गई है। हालांकि कर विशेषज्ञों की मानें तो बिना कानून बनाए कोई नया कर कंपनियों या जनता पर नहीं थोपा जा सकता है। वैसे भी दूरसंचार सेवाएं मान्यता प्राप्त सेवाएं हैं। इन पर शिक्षा और उच्च शिक्षा उपकर पहले से ही लगता है। ऐसे में नया कर नहीं लगाया जा सकता।
सफाई के लिए फोन और इंटरनेट पर छाएगी महंगाई
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