खबर लहरिया राजनीति नेपाल पर नरम भारत क्यों गरम?

नेपाल पर नरम भारत क्यों गरम?

(फोटो साभार -विकीपीडिया)

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काठमांडू, नेपाल। नेपाल में 20 सितंबर को नया संविधान लागू हो गया। इस नए संविधान के अनुसार अब नेपाल हिंदू राष्ट्र नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। यहां की पांच सौ अट्ठानवे सदस्यों की संविधान सभा में से पांच सौ लोगों ने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के पक्ष में वोट डाले। लेकिन यहां की थारु और मधेसी जनजातियां इसका विरोध कर रही हैं। उधर भारत को भी उम्मीद थी कि नेपाल हिंदू राष्ट्र घोषित होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नेपाल में रह रहे भारतीय लोगों ने इस संविधान का विरोध किया तो दूसरी तरफ इस संविधान के समर्थकों ने इसके पक्ष में रैलियां निकालीं। नेपाल भारत से कई चीजों का आयात करता है। इसमें तेल और खाने-पीने की कई ज़रूरी चीजें शामिल हैं। नए संविधान की घोषणा के बाद भारत ने इन चीज़ों के आयात पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।
भारत और नेपाल की सीमाएं बिल्कुल लगी हुई हैं। या यूं कहिए कि बिना ज़्यादा रोक-टोक लोग आसानी से आते जाते हैं। नेपाल में भारत के मुकाबले कई गुना ज़्यादा मंहगाई है। चीनी अनाज और तेल खासतौर पर महंगा है। नए संविधान से खफा भारत ने अब सीमाओं पर सख्ती करने के साथ ही नेपाल को निर्यात होने वाली चीजें़ या तो मंहगी कर दी हैं या कुछ में तो रोक ही लगा दी है।