उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव राजनीतिक दलों से अभी से कसरत करा रहा है। भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी समेत अन्य राजनीतिक दल अपने-अपने ढंग से चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं।
लेकिन इस बीच यूपी की सत्ताधारी सरकार में गृह युद्ध छिड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच शीतयुद्ध जारी है जिसे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव सुलझाने में लगे हैं।
23 अक्टूबर की सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में विधायकों की बैठक हुई जिसके बाद शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। शिवपाल यादव के साथ चार और मंत्रियों, अंबिका चौधरी, नारद राय, शादाब फातिमा, ओमप्रकाश सिंह और गायत्री प्रजापति को भी मंत्रिमंडल से निकाला गया है।
इस बीच रामगोपाल यादव ने अपने भाई मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है।
यही नहीं, कुछ इसी तरह के बयान पार्टी और परिवार के हर सदस्य की तरफ से आते रहे। इस बीच सपा की बिगड़ती स्थिति पर मुख्यधारा मीडिया चटकारे लेती रही। हर बड़े अख़बार और चैनल ने इस गृह युद्ध को ऐसे परोसा जैसे यह किसी धारावाहिक का एपिसोड चल रहा है। मीडिया एक परिवार के बीच के खुलासों और विवाद को हैडलाइन बना कर पेश करती रही और सास-बहु के सीरियलों की तरह नए मसाले खोजती रही।
लेकिन इन सबके बावजूद मुलायम सिंह ने अंततः अखिलेश के लिए फैसले को सही बता कर उन्हें ही पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा बने रहने का बयान दिया। जिसके बाद जैसे मीडिया को सांप सूंघ गया और अब फिर से नया मुद्दा खोजने में लग गयी है। मीडिया की ऐसी भूमिका लगातार लोगों का विश्वास खोती जा रही है।
सपा के गृह युद्ध को भूनाती मुख्यधारा मीडिया!
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