एक हज़ार शब्दों के मुकाबले एक तस्वीर ज़्यादा असरदायक होती है। अक्सर संवाद सिखाने वाले विशेषज्ञ इस लाइन को बार-बार दोहराते रहते हैं। लेकिन आॅक्सफोर्ड डिक्शनरी ने इस लाइन को अपने एक चुनाव के ज़रिए और मज़बूत कर दिया है। हममंे से कई लोगों ने आॅक्सफोर्ड डिक्शनरी का नाम सुना होगा। अंग्रेज़ी के हिंदी मायने खोजने के लिए हमने इसका खूब इस्तेमाल भी किया है। यह डिक्शनरी हर साल एक ऐसे शब्द को चुनती है जिसे पूरे साल खूब इस्तेमाल किया गया हो। लेकिन इस बार आॅक्सफोर्ड डिक्शनरी ने पहली बार किसी शब्द को नहीं चुना बल्कि एक चेहरे को चुना। मोबाइल फोन रखने वाले ज़्यादातर लोग इस चेहरे से परिचित होंगे। नहीं समझे? हम किसी को मैसेज भेजते वक्त हंसता, रोता, गुस्सा करता हुआ एक चेहरा भी लोगों को अक्सर भेज देते हैं। जिससे हम अपनी भावनाओं को और बेहतर तरह से जता सकें। जी हां, इन्हीं में से एक चेहरा चुना है आॅक्सफोर्ड डिक्शनरी ने। ‘अ फेस विद टियर आॅफ ज्वाॅय’ यानी खुशी के आंसू वाला चेहरा।
क्या है इस चेहरे का इतिहास
इस तरह के चेहरों का चलन 1990 से शुरू हुआ था। इस चेहरे को इमोजी भी कहते हैं। यह नाम मूल रूप से जापान से आया है। ‘ई’ मतलब तस्वीर और ‘मोजी’ मतलब अक्षर। यानी तस्वीर वाले अक्षर। कुल मिलाकर यह चेहरे आजकल हमारी भावनाओं को जताने का सबसे बेहतर ज़रिया बन गए हैं।
शब्द नहीं चेहरे का चुनाव
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