खबर लहरिया बुंदेलखंड वेतन न मिले से तहसील में दई दरखास

वेतन न मिले से तहसील में दई दरखास

शमशेर

शमशेर

जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव चिचारा। एते को बाल किशोर अगस्त 2007 से महोबा के वन विभाग मे वाचर के पद पर काम करत हतो। जीमें वेतन को 21 सौ रूपइया अभे तक नई मिलो आय। जभे कि बालकिशोर खा 1 अप्रैल 2013 खा काम करे से हटा दओ हे।
बालकिशोर के लड़का शमशेर ने बताओ कि हम गरीब आदमी मजदूरी करके आपन परिवार चलाउत हते। एई बीच मोयेे बाप बालकिशोर खा वन विभाग में वाचर को काम मिल गओ। जीमें हमाओ परिवार अच्छो खासो चलत हतो, पे अचानक 1 अप्रैल 2013 खा काम करे से मना हो गओ। 1 जनवरी 2012 से 1 मार्च 2013 तक खा वेतन भी नई दओ आय। जीखे कारन हमाये परिवार में रूपइया की बोहतई परेशानी बढ़ गई हे। वेतन दिवाये खे लाने 4 मार्च 2014 खा तहसील दिवस में दरखास दई तो 5 मार्च 2014 खा वन विभाग के रेन्जर ने बुला के अश्वासन दओ कि बड़े बाबू के आये खे बाद तुम्हाओ काम देख के भुगतान कराओ जेहे, पे आज भुगतान नई भओ आय। एई से मेंने 17 जून 2014 खा तहसील दिवस में दुबारा दरखास दई हे।वन विभाग के अधिकारी ने कहो कि बालकिशन को चाचा वन विभाग में दरोगा हे। जीसे ऊखे मना करें के बाद भी काम में आउत रहो हे। जीसे ऊखो वेतन ऊखो चाचा करहे।