जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव मवई खुर्द। ई गांव 2012-2013 में लोहिया होय के बाद भी गांव के मजदूर, भूमिहीन ओर विकलांग आदमी आवासन खा भटकत हे। ईखी दरखास तहसील में देके जांच कराये की मांग करी हे।
रामपाल खंगार ओर निरभान सिंह बताउत हें कि हम पांव से विकलांग हें। हम कछू नई कर पाउत हें। हमाये विकलांग प्रमाण पत्र भी हे। हमाये गांव में लोहिया आवास बनत हें। जीखा प्रधान अपने आदमियन खा देत हे।
गया प्रसाद बताउत हे कि मोये दो कच्चे कमरा बने हें। में दिल्ली, पंजाब में मजदूरी करके आपन परिवार चलाउत हों। एई से लागत हे कि हमाये भी आवास बन जाये तो नींक हो जाय। काय से एसी बढ़त महंगाई में परिवार पालब तो मुश्किल परत हे घर किते से बनवा पेहें। कुसमा ने कहो कि अगर हम प्रधान से आवास बनवाये खा कहत हें तो ऊ नई सुनत हे। एई से हमने तहसील में एस.डी.एम. खा दरखास दई हे। जांच करा के लोहिया आवास बनवाये की मांग करी हे।
प्रधान माया के आदमी गोकरन ने बताओ कि हमाओ गांव 2012-2013 में लोहिया भओ हतो। जीमे 54 लोहिया आवास पास भये हें। 52 आवासन में काम चलत हे। दो आदमियन खे खाता संख्या नई मिली आय। जीसे रूपइया नई आओ हे। निरभान सिंह के परिवार नइयां ऊ अकेले हे। एई से ऊखा नाम काट दओ हे। मोये गांव में अभे 50 आवास ओर आये खे जरूरत हे।
विकलांग ओर पात्र आवासन खा भटकत
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