कुछ ही दिन बाकी हैं लोकसभा चुनाव में। विकास का दिखावटी मुद्दा दिखा हर दल वादे कर रहा है। भाजपा इस बार हिंदूवादी छवि को तोड़ने में लगी है। हालांकि जमींनी स्तर पर देखें तो जिलों के उम्मीदवार लाख कोशिशों के बाद भी इस छवि से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। फैजाबाद सीट से खडे भाजपा के उम्मीदवार लल्लू सिंह अयोध्या को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है।
जब उनसे पूछा गया कि अयोध्या में मंदिर बने या मस्जिद या कुछ नहीं। उन्होंने कहा बनेगा तो मंदिर ही। यानी भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भले ही विकास का सपना दिखा रहा हो। लेकिन जिले स्तर पर अभी भी पार्टी की छवि हिंदूवादी है। भाजपा समाजवादी पार्टी को मुजफ्फरनगर दंगों के लिए दोषी मान रही है पर गुजरात दंगों को लेकर भी जिले स्तर के नेताओं को नहीं सूझ रहा कि क्या कहें? उधर कांग्रेस इस बार जीतने पर ‘सबको स्वास्थ्य का अधिकार’ देने का वादा कर रही है। हालांकि मनरेगा और खाद्य सुरक्षा में हो रहे घपलों की बात नहीं कर रही है। समाजवादी पार्टी का क्या कहें? उत्तर प्रदेश की जनता उससे नाराज है। लोगों को लुभाने के लिए चलाई गईं लैपटाप योजना, कौशल योजना, साड़ी कंबल बांटने की योजना का सच सबके सामने आ चुका है। बचे अरविंद केजरीवाल तो लोगों का कहना है कि अकेली दिल्ली नहीं चला पाए तो पूरा देश क्या चलाएंगे? जनता सोच रही है कि आखिर वोट किसे दें? जनता हर बार की तरह इस बार भी विकास चाहती है। पर नेताओं के हर बार की तरह इस बार भी खोखले ही दिख रहे हैं।