जिला बनारस। जि़ले में इस बार के लोकसभा चुनाव काफी मजेदार और महत्वपूर्ण होते दिखाई पड़ रहे हैं। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल यहीं से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अभी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। लेकिन पार्टी के भीतर कई नेता इस बात के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर दबाव बना रहे हैं कि प्रियंका वाडरा को चुनाव लड़ाया जाए। समाजवादी पार्टी से कैलाश चैरसिया मैदान में हैं। कांग्रेस ने सचिन तेंदुलकर से संपर्क किया लेकिन उन्होंने साफ कह दिया ।
बनारस में वोटों का गणित
करीब ढाई लाख ब्राह्मण हैं। करीब इतनी ही संख्या में मुसलमान भी हैं। वैश्य मतदाताओं की संख्या करीब दो लाख के आसपास है। यादवों की संख्या एक लाख के आसपास। दलित मतदाताओं की संख्या 70 से 80 हजार है।
स्थिति का अंदजा लगाने के लिए बनारस के अलग अलग हिस्सों में बात की गई
काशी विद्यापीठ के छात्र और बुनकर परिवार के आमिर का कहना है कि कुछ समय पहले जब एक बार भाजपा की सरकार थी तो लोग दाने दाने के लिए तरस रहे थे। लेकिन जब से कांग्रेस का राज आया है, लोग अपना पेट तो भर ले रहे हैं। केजरीवाल का तो बनारस में कहीं अता पता भी नहीं है। सारग तालाब के राम लखन, कुसुम और शिवपूजन का कहना है सबको देखा अबकी सोचते हैं मोदी पर अपना वोट गिराएं।
जलालीपुर के सभासद आयशा फारुख का कहना है कि एक दिन हम बैठक बुलाकर सबसे कहे थे कि सब लोग समाजवादी पार्टी को वोट दें तो गांव के कुछ लोग कहने लगे कि जब से सपा की सरकार आई है, आंतक बढ़ा है। आय दिन चोरी होती रहती है। इस बार सोच रहे हैं मोदी को देखें।
राय मिली जुली है। लेकिन सवाल यह उठता है जो लोग वहां से खड़े हैं क्या उनके पास कोई मुद्दा है। ऐसा तो नहीं कि विकल्प न होने के कारण लोग इनमें से किसी को जिताएंगे। अगर ऐसा है तो यह राजनीतिक अकाल जैसा है। जहां कुछ न होने के कारण लोग कुछ भी खाने को तैयार होते हैं।