जिला चित्रकूट ब्लाक मानिकपुर, गांव बगदरी। यहां की षिवपतिया जंगल से छिवल की सूखी लकड़ी काट कर इलाहाबाद में माघ मेला के समय बेचती हैं। एक किलो लकड़ी पच्चीस रुपए में बेचती हैं। माघ के मेले में एक साल की कमाई हो जाती है। पिछले साल बीस हज़ार रुपए कमाया है। इसके बाद गरमी में छिवल के फूलों को बेचते हैं। फूलों से कई रोगों का इलाज होता है।
लकड़ी और फूल से साल भर की कमाई
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