खबर लहरिया जवानी दीवानी राजस्थान के स्कूलों में फ़ोन पर समझाये जा रहे हैं मुख्य मुद्दे

राजस्थान के स्कूलों में फ़ोन पर समझाये जा रहे हैं मुख्य मुद्दे

साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

दिल्ली स्थित एक संस्था, ग्रामीण राजस्थान में लिंग समानता और सामाजिक मुद्दों पर लड़कों को शिक्षित करने के लिए मोबाइल फोन के माध्यम से पहुँचने वाली ऑडियो कहानियों का उपयोग कर रही है। राजस्थान के बुंदी जिले में युवा लड़कों और युवाओं के बीच सामाजिक समस्याओं को शामिल करने और इसका सामना करने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। किशोर वार्ता नामक इस पहल को दिल्ली स्थित चैरिटी सेंटर फॉर हेल्थ एंड सोशल जस्टिस (सी एच एस जे) द्वारा किया गया है।
राजस्थान में काम कर रहे एक पंजीकृत गैर सरकारी संगठन, मंझारी संस्थान द्वारा बुंडी में 30 स्कूलों में किशोरों के साथ किशोर वार्ता की एक परीक्षा लागू की गई थी, जिसकी पहल स्थानीय सरकार ने की। यह संस्था यह दिखाने की उम्मीद कर रही है कि उनके पहल के माध्यम से वहां रहने वाले लोगों की मदद के लिए मोबाइल कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
2015 में शुरुआती परीक्षा होने के बाद टोल फ्री नंबर को 5 महीनों के भीतर लगभग 50,000 कॉल प्राप्त हुए। इन परीक्षाओं के बाद स्कूलों के शिक्षकों ने संस्था को रिपोर्ट भेजी कि कहानियां, जानकारी प्रदान करने के लिए बहुत लोकप्रिय साधन हैं और उनके छात्र नियमित रूप से अधिक मांग कर रहे हैं। जिनमें विशेष रूप से शरीर को जानना, स्वास्थ्य, प्रजनन और यौन स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी वह चाहते हैं। यह कार्यक्रम अब मानक रूप से स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बन चूका है, जिसे हर माह में एक बार किया जाता है।
इस पायलट परीक्षा की सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद संस्था को जल्द ही इस पहल को अन्य स्कूलों में लागू करने की उम्मीद है।