उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 660 मेगावाट की क्षमता वाली एक नई कोयला आधारित बिजली इकाई पनकी,कानपुर स्थापित करने जा रही है।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, इस परियोजना की आधारशिला जनवरी में रखी जाएगी। हालांकि, इसे पहले भी प्रस्तावित किया गया था लेकिन वर्ष 2016 में पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा प्रदूषण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था।
लेकिन, योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद पर्यावरण मंत्रालय ने विशेषज्ञों संग दौरा किया और परियोजना को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 2016 में इस बिजली संयंत्र के प्रस्ताव की समीक्षा करते हुए कहा था कि कानपुर गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्र है और प्रस्तावित बिजली संयंत्र के आसपास जनसंख्या घनत्व भी काफी अधिक है। जिसकी वजह से ईएसी ने संयंत्र के लिए पर्यावरण मंजूरी से इनकार कर दिया था।
बता दें कि कानपुर को पिछले महीने भारत में चौथा सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया था, जिसमें पी-2 के स्तर 386 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थे।
पनकी में एक 220 मेगावाट बिजली संयंत्र पहले से मौजूद है जिसे बढ़ते प्रदूषण के कारण बंद किया जा रहा है। हालाँकि, नए संयंत्र में पुराने की क्षमता से तिगुनी क्षमता है, जिसके लिए बहुत बड़े क्षेत्र की आवश्यकता होगी।