इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नीति संबंधी बातों को संबोधित करने के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदुत्व का मतलब यह नहीं है कि किसी को क्या पहनना या खाना चाहिए, बल्कि दूसरे किस तरह के हैं, उसे स्वीकार करना है। उन्होंने साफ किया कि संघ बीजेपी को नहीं चलाता और बीजेपी संघ को नहीं चलाती। हम स्वतंत्र रहकर एक स्वंयसेवक के तौर पर एक–दूसरे के संपर्क में रहते हैं और विचारों को साझा करते हैं। दोनों को ही अलग निर्णय लेने को आजादी है।
भागवत का यह बयान बेहद मायने रखता है। असहिष्णुता और मॉरल पुलिसिंग को लेकर हो रही राजनीतिक बहस के बीच संघ प्रमुख ने स्पष्ट किया कि हिंदुत्व का मतलब खाना और पहनावा बताना बिल्कुल नहीं है।
मोहन भागवत ने बताया कि कभी–कभी संघ और बीजेपी का कॉमन अजेंडा होता है, लेकिन यह सामान्य है और इसका निरीक्षण नहीं किया जाता है। संघ हमेशा बेहतर इंसान बनाने के मिशन पर काम करता आया है। संघ स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 1.70 लाख सेवा कार्यों का संचालन करता है।
भागवत ने यह भी कहा कि उनका संगठन इंटरनेट पर आक्रामक व्यवहार और ट्रोलिंग का समर्थन नहीं करता। ऐसा करना स्तरहीनता है।