मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश। सांप्रदायिक दंगों के मामले की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल ने 14 नवंबर को ग्यारह आरोपित लोगों के खिलाफ पहला अपराध पत्र (चार्जशीट) यहां के एक कोर्ट में दर्ज किया। इनमें भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश राना और भारतेन्दु सिंह भी शामिल हैं।
इन ग्यारह लोगों पर प्रशासन पर हमला करना, शासन द्वारा दिए आदेशों को ना मानना जैसे आरोप लगाए गए हैं। जांच दल के अनुसार 31 अगस्त को आयोजित महापंचायत जिसके बाद हिंसा भड़की, गैरकानूनी थी।
दूसरी ओर मेरठ के भाजपा विधायक संगीत सोम को इस मामले में 12 नवंबर को ज़मानत दे दी गई। हिंसा भड़काने के आरोप में संगीत सोम 21 सितंबर से मुज़फ्फरनगर जेल में बंद थे।
मुआवज़ा मिलेगा सरकार की शर्तों पर
सितंबर के दंगों के दो महीने बाद भी मुज़फ्फरनगर के कैंप खाली नहीं हुए हैं। अब सरकार ने कैंप खाली करवाने के लिए मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू तो की है पर अपनी शर्तों पर।
नौ गांवों से अट्ठारह सौ परिवारों को पांच लाख मुआवज़ा मिलेगा बशर्ते ये परिवार किराए का मकान लें और एफिडेविट साइन करें कि वे किन्हीं भी हालातों में वापस अपने गांव नहीं लौटेंगे और कैंप से भी चले जाएंगे।