खबर लहरिया राजनीति मांस हो सकता है बैन तो सब्जियां क्यों नहीं

मांस हो सकता है बैन तो सब्जियां क्यों नहीं

(फोटो साभार - विकीमीडिया)

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बेंगलुरु। अगर जैन समुदाय के धार्मिक पर्व के दौरान मांस पर रोक लगाई जा सकती है तो फिर बकरीद के दौरान सब्जियों पर क्यों नहीं। बस यही ख्याल बेंगलुरु के फलाह फैसल के मन में आया। उन्होंने आनलाइन याचिका लगाकर सरकार से मांग की कि 25 सितंबर को बकरीद के दौरान सब्जियों पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस याचिका पर अब तक साढ़े पांच सौ लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं।
फलाह फैसल ने कहा कि हमने सोचा कि जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं का जब सरकार आदर करती है तो फिर मुस्लिम समुदाय का भी करेगी। मुझे पता है कि सरकार कभी भी सब्जियों पर रोक नहीं लगाएगी। सब्जियों पर रोक वाली आनलाइन याचिका की शुरुआत कर मांस पर रोक लगाने वालों पर हम लोगों ने व्यंग किया है। यह विरोध जताने का तरीका है। याचिका में कहा गया है कि पौधों में भी भावनाएं होती हैं।