खबर लहरिया महोबा महोबा में पानी का मुद्दा बना राजनैतिक रणनीति!

महोबा में पानी का मुद्दा बना राजनैतिक रणनीति!

IMG_20160506_1307496 मई से महोबा में पानी पूर्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तर्क-वितर्क शुरू हो गया है। केंद्र ने पांच लाख लीटर वाली पानी की ट्रेन रतलाम से महोबा भेजी, जिसे यूपी सरकार ने मना कर दिया। अखिलेश यादव ने केंद्र से ट्रेन के बदले 10 हजार टैंकर की मांग की है।
इस पानी की ट्रेन के हादसे से बुंदेलखंड के महोबा जिले पर सबकी नजर पड़ी हैं, खासकर राजनैतिक दलों की। ऐसा लगता है कि महोबा के बचे हुए पानी में भाजपा का कमल खिल उठा है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ नारे लगाकर नर सिंह कुटी से ऊदल चौक तक भाजपा के विरोधकर्ताओं ने तहसील पर धरना दिया।
भाजपा की महोबा जिले की महिला मोर्चा अध्यक्ष पुष्पा अनुरागी कहती हैं कि पानी पर सपा सरकार राजनीति कर रही है। अगर सूखा नहीं है तो दस हजार टैंकर क्यों मांगे जा रहे है? क्या इसका बंदरबांट करना है?

  •  महोबा जिला में कुल चार ब्लाक और 250 से ज्यादा ग्राम पचायत हैं।
  • कुल टैंकर 62
  •  कुल हैंडपंप 18 हजार से ज्यादा, जिनमे से सिर्फ 578 हैंडपंप रिबोर किया जा चुके हैं।
  •  कुल जानवरों के लिए चारही दो हजार चार सौ तैंतीस।
  •  कुल टंकी 69 हैं, जिनमे से 48 जो ग्राम पंचायतों की देखरेख में हैं वह खाली हैं।

panavadi richha gao copyभाजपा जिला अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह सेंगर ने अपने भाषण में सपा और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार को पता चल गया है कि कमल पानी में खिलता है इसलिए पानी लेने से मना कर दिया।
पूर्व जिला कोषाध्यक्ष मयंक तिवारी ने जोर से ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए कहा कि अखिलेश सरकार होश में आओ। जिस तरह पानी की ट्रेन को रोका गया है उसी तरह 2017 के आगामी चुनावों को रोका जायेगा।
भाजपा के पूर्व सांसद गंगा चरण राजपूत कहते हैं कि जो बिजली, पानी न दे सके वो सरकार निकम्मी है और जो सरकार निकम्मी है वो सरकार बदलनी है।
समाजवादी पार्टी के महा सचिव रमेश यादव कहते है की बुन्देलखण्ड सूखा से पीड़ित है तो पानी झांसी से क्यो भरवाया जा रहा है? झांसी भी बुंदेलखंड में आता है। पांच लाख लीटर पानी भेजा जा रहा था। हम खुद 97 लाख लीटर पानी रोज भेज रहे है, अगर केन्द्र सरकार को देना ही है तो दस हजार टैंकर दे दे।
महोबा डी. एम. वीरेश्वर सिंह ने मंडलायुक्त वेंकटेश्वर लू की मीटिंग में कहा कि जिले के चालिस गांवों में पानी की अधिक परेशानी है।
जबकि पानी की समस्या को लेकर 8 मई को कबरई के लोगों ने बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन भी किया था। साथ ही, कानपुर हाइवे रोड पर चक्का जाम किया था।
लोगों को सड़क पर उतरता देख कर पीएसी बल और सीओ धनंजय कुशवाहा भी मौके पर पहुंचे थे. हालांकि बाद में सीओ ने मामला शांत कराया।
पानी को पूर्ति के लिए तीन दिन का समय मांगा गया था पर अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। लोग फिर से सड़कों पर उतरने का मन बना रहे हैं।

रिपोर्टर – सुनीता प्रजापति