मथुरा के जय गुरुदेव संस्था स्कूल में पढ़ने वाले सिकांतो के स्कूल में आमतौर पर सभी लड़कियां स्कूल परिसर में झाड़ू लगाकर सफाई करती थीं और लड़के कूड़ा इकट्ठा कर उसे ठिकाने लगाते थे। इस स्थिति को देखकर सिकांतो के मन में एक मशीन बनाने का विचार आया। उसे यह देखकर बुरा लगता था कि पढ़ने की जगह बच्चे स्कूल की सफाई में लग जाते हैं।
सिकांतो ने बताया कि इस तरीके को वह खत्म करना चाहता था। उसने पहले अपने आइडिया पर काम किया फिर उसे अपने टीचर्स को भी दिखाया। सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद उसने इंस्पायर अवॉर्ड के लिए भी अपने प्रॉजेक्ट(अविष्कार) को भेजा। इंस्पायर अवार्ड योजना एक ऐसी राष्ट्रीय स्तर की योजना है जिसमें कक्षा छह से दसवीं तक एक–एक बच्चे का चयन कॉलेज स्तर पर किया जाता है।
इस बारे में सिकांतो ने बताया, ‘मुझे हैरानी हुई कि मेरे प्रॉजेक्ट को शामिल कर लिया गया था और इतना ही नहीं मेरे खाते में 5,000 रुपये भी भेज दिए गए।‘
कचरा इकट्ठा करने वाली मशीन बनाने में सिकांतो को लगभग डेढ़ महीने लग गए। उसने पहले शुरूआती मॉडल तैयार किया फिर उसके बाद उसमें कुछ गलतियां भी दिखीं जिसे दूर किया गया।
सिकांतो ने बताया कि मेरी गाड़ी की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह से हाथ से चलाया जाएगा और यह चलाने में काफी आसान और हल्का भी है। इसमें किसी भी तरह की बैटरी या तेल की जरूरत नहीं होगी।‘ सिकांतो ने इस गाड़ी का पेटेंट भी करा लिया है।
जयगुरुदेव बालक विद्यालय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र सिकांतो मंडल की बनाई गई कचरा उठाने वाली मशीन को इंस्पायर अवॉर्ड योजना में राष्ट्रीय स्तर पर चुने जाने के बाद सिकांतो को राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान अहमदाबाद द्वारा जापान एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम इन साइंस जापान में ट्रेनिंग का मौका मिला। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम पिछले साल 2017 में 28 मई से तीन जून तक चला था। सिकांतो ने अपने मॉडल को सबसे पहले जिलास्तर पर प्रदर्शित किया था उसके बाद राष्ट्रिय स्तर पर उसे प्रदर्शित करने के लिए भेजा। 2016 में उसने दिल्ली में राष्ट्रिय स्तर की प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश की तरफ से तीन अन्य मॉडलों के साथ प्रदर्शित किया था।
सिकांतो का परिवार मूल रूप से पश्चिम बंगाल से है। रोजगार की तलाश में उसके माता–पिता उत्तर प्रदेश आ गए थे। सिकांतो आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहता है।
मथुरा के युवक ने बनाई कूड़ा उठाने वाली गाड़ी
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